चेन्नई। उनकी आत्मा ने भले ही उनकी देह छोड़ दी, लेकिन अपने प्रिय हरे रंग से उनका नाता तब भी नहीं टूटा, क्योंकि अंतिम सफर के समय भी जयललिता अपने पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में थीं।
जयललिता को हरा रंग बहुत पसंद था और वे हर महत्वपूर्ण मौके पर इस रंग का लिबास तो पहनती ही थीं, उनके आसपास की हर चीज में हरा रंग शामिल होता था। उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए आज तड़के जब उनके निवास पोएस गार्डन से उनका पार्थिव शरीर राजाजी हॉल ले जाया गया तो वे एक बार फिर अपनी ट्रेडमार्क हरी साड़ी में थीं, जिसका बोर्डर लाल था।
विधानसभा चुनाव में विजयी होने के बाद जब जयललिता ने छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उन्होंने हरी साड़ी पहनी थी। इसी तरह जब उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में बरी होने के उपरांत पिछले साल 23 मई को पांचवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली तब भी वे हरे रंग की साड़ी पहने थीं।
अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं के अनुसार हरा रंग जयललिता के लिए भाग्यशाली था और उन्हें बेहद पसंद था। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पद से हटने के बाद जब वे सत्ता में लौटी थीं तब वे करीब आठ महीने में पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आने के दौरान भी वे अपने इसी पसंदीदा रंग की साड़ी पहने हुए थीं।
जब उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय के सेंटेनरी ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब मंच के पीछे चमकीले हरे रंग की पृष्ठभूमि थी। राज्यपाल के रोसैया ने उन्हें जो गुलदस्ता भेंट किया उसमें भी बाहरी आवरण हरे रंग का था। पिछले साल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने हरे रंग की कलम से दस्तखत किए थे और उनकी अंगूठी में हरे रंग का नगीना जड़ा था। (भाषा)