कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में पॉलीग्राफ टेस्ट कराने से सोमवार को इनकार कर दिया। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उन्हें तीन बार क्लीन चिट दे चुकी है।
आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा की ओर से अदालत को बताया गया कि टाइटलर ठीक नहीं है और उन्होंने कांग्रेस नेता के निजी रूप से पेश होने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया। साथ ही पोलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए शर्तों को भी बताने का आग्रह किया गया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर 1984 में उत्तरी दिल्ली के गुरुद्वारा पुलबंगश में दंगों में तीन लोग मारे गए थे।
सीबीआई ने टाइटलर को क्लीन चिट दी थी लेकिन अदालत ने मामले की आगे की जांच के निर्देश दिए हैं क्योंकि पीड़ितों ने सीबीआई द्वारा दायर की गयी क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की थी। अदालत ने मामले की आगे की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया है और कहा है कि वह हर दो महीने में जांच की निगरानी करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई पहलू जांच से न छूट जाए।
अदालत के आदेश के अनुसार सीबीआई ने गुरुद्वारे के पास गुरु सिंह, ठाकुर सिंह और गुरुचरन सिंह की हत्या के मामले की फिर से जांच की। सीबीआई ने चार दिसंबर, 2015 को अदालत के आदेश के अनुसार टाइटलर और अभिषेक पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति मांगने के लिए एक आवेदन दायर किया है, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि यदि आवश्यक हो तो लाई डिटेक्शन टेस्ट किया जा सकता है।
टाइटलर की ओर से अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट शिवाली शर्मा के समक्ष एक हलफनामा दायर किया गया है कि वह पोलीग्राफ टेस्ट नहीं कराना चाहते हैं। सुनवाई के बाद अदालत ने आज अब अभिषेक के वकील को समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई दो जून को होगी। (वार्ता)