भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा 14 जुलाई को शुरू होगी। इस बार अधिक मास (दो ज्येष्ठ माह) होने से रथ बनाने के लिए कारीगरों को करीब तीन माह का समय मिल गया, जबकि पिछले साल 58 दिन ही मिले थे। मंदिर प्रशासन ने रथों के पास 12 दान पात्र लगाने का भी फैसला किया है।
10 लाख श्रद्धालु होंगे शामिल : मंदिर प्रशासन के मुताबिक इस बार रथ यात्रा में 10 लाख के लगभग श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। इस पूरे आयोजन में 5 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होती है साथ ही रथ निर्माण के लिए खास किस्म की लकड़ियों का उपयोग किया जाता है।
हर साल नया रथ : एक जानकारी के मुताबिक 865 खास किस्म के पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल रथ निर्माण के लिए किया जाता है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक खास किस्म की लकड़ियों से बना यह रथ हर वर्ष नया बनता है।
यात्रा के दौरान 12 दान पात्र लगाए जाएंगे : श्रद्धालुओं से दान स्वीकार करने से सेवादारों को रोकने के बाद पुरी के जगन्नाथ मंदिर के प्रशासन ने 14 जुलाई से शुरू होने वाली रथयात्रा के दौरान रथों के पास 12 दान पात्र लगाने का फैसला किया है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक पीके महापात्र ने बताया कि तीन रथों के निकट के घेराबंदी किए गए इलाके में चार-चार हुंडियां लगाई जाएंगी।
महापात्र ने बताया कि इसके अतिरिक्त श्रद्धालुओं की आसानी के लिए गुंडिचा मंदिर के अंदर छह और हुंडियां लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे हुंडियों की निगरानी करेंगे क्योंकि तकरीबन 10 लाख श्रद्धालुओं के रथयात्रा में शामिल होने की उम्मीद है।
पिछले महीने मंदिर प्रशासन ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अमल करते हुए सेवादारों को श्रद्धालुओं से नकदी या कोई चीज दान में लेने से रोक दिया। महापात्र ने कहा कि अगर कोई श्रद्धालु दान देने को इच्छुक है तो उसे दान हुंडी में डालना होगा।