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कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी ढेर

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सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 24 मई 2016 (20:10 IST)
श्रीनगर। आतंकवाद के मोर्चे पर कश्मीर फिर से गर्म हो गया है। सुरक्षाबलों ने देर रात को चलाए एक ऑपरेशन में श्रीनगर में ही जैशे मुहम्मद के टॉप कमांडर को उसके साथी समेत ढेर कर दिया। इस कामयाबी को बीते दो घंटे ही हुए थे कि सुरक्षाबलों को कुपवाड़ा में घुसे दर्जनों आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सैफुल्ला के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि कल महाराजा बाजार क्षेत्र में आतंकवादियों के मौजूद होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया। अभियान के दौरान ही सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। उन्होंने कहा कि अभियान में कल दो आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा कि दूसरे आतंकी की अब तक पहचान नहीं हुई है।
 
कश्मीर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल जाविद गिलानी मुजतबह ने बताया कि, इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं जो कि जैश-ए मोहम्मद संगठन के थे। पुलिस के मुताबिक दोनों आतंकी रिहाइशी इलाके में एक मकान के अंदर छुपे हुए थे। मारे गए आतंकियों में से एक कमांडर बताया जा रहा है जिसकी शिनाख्त सैफुलह के तौर पर हुई है।
 
श्रीनगर में सोमवार को हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। ये हमले जडीबल और टेंगपोरा में किए गए थे। दोनों हमलों के बाद आतंकी मौके से भागने में कामयाब हो गए थे। इसके बाद तलाशी अभियान के दौरान जैश के आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई।
 
इस बीच कश्मीर के कुपवाड़ा में लश्करे तौयबा और जैशे मोहम्मद के करीब 18 आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली है। दरअसल ये आतंकी रानावर के जंगलों में हैं। सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान इनका पता लगाया। इस दौरान सुरक्षाबल मुस्तैद हो गए। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ठिकाने के आसपास सर्चिंग की और अब जंगल में उनके छिपे होने की जगहों को घेर लिया गया है।
 
मिली जानकारी के अनुसार अलर्ट के बाद सर्च ऑपरेशन प्रारंभ हो गया। रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है कि इस वर्ष 3 माह में ही लश्कर और जैश के आतंकियों ने 35 बार घुसपैठ के प्रयास भी किए। आतंकी 26 बार भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ करने में सफल रहे हैं। बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष घुसपैठ के प्रयास अधिक हुए हैं। दरअसल 3 माह में इस साल सबसे अधिक घुसपैठ हुई है। वर्ष 2015 में करीब 9 बार घुसपैठ का प्रयास किया गया मगर वह सफल नहीं हुआ।
 
वर्ष 2014 में 32 बार इस तरह के प्रयास किए गए। ऐसे में आतंकी 10 बार घुसपैठ करने में सफल रहे। मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 3 माह में आतंकी 42 एके-47, 20 पिस्टल और 25 यूजीबीएल के ही साथ भारत की सीमा में प्रवेश कर गए। उल्लेखनीय है कि सर्द मौसम के बाद गर्मी प्रारंभ होने के पहले भी इस तरह की घुसपैठ हुई थी लेकिन इसे नाकाम कर दिया गया था।
 
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा आतंकियों को घुसपैठ करवाने हेतु पैरा लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया गया है। लश्कर और जैश एक मोहम्मद के आतंकियों को इस दौरान हथियार दे दिए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार आतंकी जम्मू कश्मीर के केरन, टंगधार, पुंछ, नौशेरा और कठुआ में घुसपैठ करने की फिराक में बताए जा रहे हैं। घाटी में अचानक सक्रिय हुए आतंकियों के प्रयासों से सुरक्षा बलों में हलचल मच गई है।

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