श्रीनगर। अमेरिका के यरुशलम को इसराइल की राजधानी घोषित करने पर अलगाववादियों के जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन करने के आह्वान के बाद शुक्रवार को प्रशासन ने श्रीनगर के शहर के पुराने इलाके में कर्फ्यू जैसी पाबंदियों के कारण ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जुमे की नमाज की अनुमति नहीं दी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार धारा 144 के अंतर्गत शहर के पुराने इलाके और शहर-ए-खास के कुछ इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियातन कर्फ्यू के समान पाबंदियां लागू की गई थीं।
हर जुमे की नमाज को जामा मस्जिद से लोगों को संबोधित करने वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूख को गुरुवार को नजरबंद कर दिया गया और जामा मस्जिद की ओर जाने वाले सभी मुख्य मार्गों को कांटेदार तारों से बंद कर दिया गया।
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के यरुशलम को इसराइल की राजधानी घोषित करने के निर्णय के खिलाफ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों धड़ों और एक अलगाववादी संगठन ने लोगों से जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। मस्जिद के बाहर और निकटवर्ती क्षेत्रों में सड़कों पर किसी भी गतिविधि को रोकने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों और पुलिस के जवान तैनात रहे।
एक स्थानीय निवासी ने कहा कि ऐतिहासिक जामा मस्जिद में आज अजान भी नहीं हुई। इलाके में किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी। मुख्य मार्गों पर स्थित मस्जिदों पर लगाई गई पाबंदियों वाले क्षेत्रों के अलावा बाकी जगहों पर नमाज अदा की गई।
ईद-मिलाद-उन-नबी के बाद आज घाटी की डल झील के किनारे स्थित पैंगबर हजरत मोहम्मद साहब की हजरतबल दरगाह पर हजारों लोग जमा हुए। हजरतबल दरगाह पर हजारों लोगों ने नमाज अदा की। (वार्ता)