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कश्मीर में लोकसभा और पंचायत चुनावों का पेंच

हमें फॉलो करें कश्मीर में लोकसभा और पंचायत चुनावों का पेंच

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में होने जा रहे पंचायत चुनावों तथा दो लोकसभा सीटों के लिए होने जा रहे चुनावों के कारण भाजपा के लिए अजीब स्थिति हो गई है। फिलहाल वह फैसला नहीं कर पाई है कि वह इन चुनावों के लिए सत्ता पार्टनर पीडीपी के साथ मैदान में उतरे या फिर अकेले ही जोरआजमाइश कर लें।
 
पीडीपी के महासचिव रफी अहमद ने कहा कि कश्मीर की दो लोकसभा सीटों पर आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव में पीडीपी अपना उम्मीदवार उतारेगी। इलेक्शन कमीशन साउथ कश्मीर और सेंट्रल कश्मीर लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा जल्द कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि उपचुनाव में पीडीपी की जीत होगी। 2016 में दोनों लोकसभा क्षेत्र खाली हो गए थे। दोनों सीटों पर पहले भी पीडीपी का कब्जा था। मुफ्ती मोहम्मद सईद अनंतनाग लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने त्याग पत्र दिया था। 
 
इसके अलावा सितंबर 2016 में पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा ने लोकसभा और पीडीपी दोनों से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर रफी अहमद ने कहा कि पार्टी ने अभी तक फैसला नहीं किया है कि दोनों सीटों पर हम भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे या अकेले चुनाव लड़ेंगे। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी इस पर फैसला लेगी।
 
पंचायत चुनाव को लेकर पीडीपी महासचिव रफी अहमद ने कहा कि वर्तमान में कश्मीर के हालात से हर कोई वाकिफ है। पंचायत चुनाव का मकसद होता है कि हर शख्स की समस्याओं को सरकार समझे और उसका सही हल हो। 
 
फिलहाल राज्य सरकार भी कश्मीर के लोगों की समस्याओं का हल करने में जी जान से जुटी हुई है। हालांकि हम उम्मीद करते हैं कि पंचायत चुनाव में कश्मीर की आवाम शिक्षित और अच्छे लोगों को चुनेगी जो उनके लिए बेहतर काम करे। इससे यहां की सरकार और मजबूत होगी।

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