श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सैनिक कॉलोनी स्थापित किए जाने के मुद्दे पर सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के बीच तकरार हुई तथा सदन में हंगामा हुआ।
गुस्साईं महबूबा ने कहा कि अखबार की खबर में कोई सच्चाई नहीं है और उसमें जो तस्वीर छपी है, वह जम्मू एंड कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (जेएकेएलआई) के क्वार्टरों की है, जो यूनिट के विवाहित कर्मियों के लिए बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये अखबार क्या चाहते हैं? क्या वे राज्य को आग में झोंकना चाहते हैं? खबर प्रकाशित करने से पहले उन्हें जांच करनी चाहिए थी।
महबूबा ने कहा कि विपक्षी सदस्य इन अखबारों को लेकर आए जिनके मैं नाम नहीं लूंगी, क्योंकि वे प्रचार चाहते हैं। यदि कोई शांति में खलल डालने की कोशिश करता है तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
उमर पर निशाना साधते हुए महबूबा ने कहा कि पूर्व में सत्ता में रहने के बावजूद वे मुद्दे पर ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला 4 बैठकों (सैनिक बोर्ड की) में शामिल (मुख्यमंत्री के रूप में) हुए थे और सभी 4 बैठकों में उन्होंने निर्देश दिया कि सैनिक कॉलोनी की स्थापना के लिए भूमि चिह्नित की जानी चाहिए।
महबूबा ने सोशल मीडिया पर लगातार विचार व्यक्त करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में कहा कि अब, वहां ट्वीट, ट्वीट, ट्वीट हैं। विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के गुस्से का यह कहकर विरोध किया कि हर चीज मीडिया ने पैदा नहीं की है।
महबूबा के आरोप पर उमर ने कहा कि उन्होंने कभी भी सैनिक कॉलोनी स्थापित किए जाने के मुद्दे पर हुई बैठकों का हिस्सा होने से इंकार नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कभी भी ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया था। (भाषा)