जम्मू। श्रीनगर में सेना द्वारा आयोजित की गई एक भर्ती रैली में उमड़ी स्थानीय युवकों की भीड़ से पाकिस्तान के सीने पर सांप जरूर लौट रहे होंगे। वैसे यह पहली बार नहीं है कि कश्मीर के बेरोजगार युवक सेना के भर्ती अभियानों में शामिल हुए हों बल्कि पहले भी कई बार वे रोजगार की तलाश में इस विकल्प को अपनाते रहे हैं।
भारतीय सेना ने श्रीनगर में गुरुवार को भर्ती रैली आयोजित की। इस भर्ती रैली में काफी संख्या में घाटी के युवाओं ने हिस्सा लिया। श्रीनगर में आयोजित सेना भर्ती कई मायनों में खास है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि घाटी के युवा विकास की मुख्य-धारा में आएं। साथ ही मुहैया कराए जा रहे रोजगार के अवसरों का लाभ उठाएं।
जानकारी के लिए पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में युवाओं को भड़का कर हिंसा पैदा करना चाहता है, लेकिन सेना में भर्ती होने के लिए पहुंचे युवा देशभक्ति का जज्बा दिखा रहे हैं। इस अभियान के तहत 3000 नौजवानों को उनकी योग्यता के आधार पर सेना में शामिल किया जाएगा। यह भर्ती प्रक्रिया अक्टूबर के पहले सप्ताह में तीन और चार तारीख को होगी।
बताया गया कि यह रैली स्थानीय युवाओं का हौसला बढ़ाने के साथ जिहादी और उन अलगाववादी तत्वों के लिए सबक होगी, जो कहते हैं कि आम कश्मीरी नौजवान भारतीय सेना के साथ नहीं है।
राज्य के युवा देश की सेवा तो करेंगे ही, लेकिन इसके साथ उनको जो रोजगार मिलेगा उससे उनके परिवार फूलेंगे फलेंगे। बताया गया कि जम्मू संभाग में 2500 युवाओं की सेना में भर्ती का अभियान पहले से जारी है। आने वाले दिनों में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में राज्य के करीब 2000 युवकों को भर्ती किया जाएगा।
इसके बाद सीमा सशस्त्र बल, इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) और सेंट्रल इंडस्ट्रीज सिक्योरिटी फोर्स (सीआइएसएफ) के लिए भर्ती रैलियां की जाएंगी। इसी कड़ी में अब केंद्र सरकार के आग्रह पर रक्षा मंत्रालय ने घाटी में तीन हजार युवाओं को सेना में भर्ती करने का फैसला किया है। (Photo courtesy: Twitter)