Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आज से शुरू होगा मोदी-शाह का ‘मिशन कश्मीर’?

हमें फॉलो करें आज से शुरू होगा मोदी-शाह का ‘मिशन कश्मीर’?

विकास सिंह

, सोमवार, 5 अगस्त 2019 (07:26 IST)
जम्मू कश्मीर में क्या बड़ा होने वाला है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या अपने दूसरे कार्यकाल में पहले बड़ा फैसला जम्मू-कश्मीर के बारे में लेने जा रहे हैं? क्या पहली बार देश के गृहमंत्री बने अमित शाह कश्मीर में ऐसा कुछ करने जा रहे हैं जो अब तक कभी नहीं हुआ? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली और दिल्ली से लेकर पूरे देश में लोगों के मन में उठ रहे हैं।
 
रविवार आधी रात को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद करने और आज सुबह 6 बजे से धारा 144 लगाने और मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद करने से इस बात के कयास लगाए जा रहे कि आज जम्मू-कश्मीर के बारे में मोदी कैबिनेट कोई बड़ा फैसला लेने जा रही है। 
 
इस बीच घाटी के अलगाववादी नेताओं के ट्वीट अकाउंट पर सस्पेंड कर दिए गए हैं। नजरबंद किए गए उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने और कानून अपने हाथ में नहीं लेने की बात कही है। आज अचानक बुलाई गई मोदी कैबिनेट की बैठक में जम्मू कश्मीर को लेकर कोई बड़ा नीतिगत निर्णय होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
webdunia
मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद सुरक्षा मामलों की सीसीएस की बैठक भी प्रस्तावित है जिसमें घाटी के वर्तमान हालात पर चर्चा हो सकती है। 
 
मोदी कैबिनेट की इस अहम बैठक में पहले रविवार को गृहमंत्री अमित शाह की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और गृह सचिव राजीव गौबा के साथ हुई लंबी बैठक के बाद इस बात की संभावना बहुत की बढ़ गई है कि सरकार जम्मू-कश्मीर के बारे में कोई बड़ा नीतिगत निर्णय लेने जा रही है, जिस पर कैबिनेट अपनी मोहर लगा सकती है।
webdunia
इस बीच आज गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल (2019) को आज राज्यसभा में पेश करेंगे, बिल के राज्यसभा में पास होने के बाद राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की शैक्षिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा। अगर राज्यसभा में यह बिल पास हो जाता है तो आज से मोदी-शाह का एक तरह से मिशन कश्मीर भी शुरू हो जाएगा।
 
मोदी-शाह का मिशन कश्मीर ! :  मोदी 2.0 सरकार में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद इस बात की अटकलें लगना शुरु हो गई थीं कि शाह की नजर मिशन कश्मीर पर है।
 
शाह के गृह मंत्रालय का कामकाज संभालने के बाद जब जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उनसे लंबी मुलाकत की थी तभी से सियासी सरगर्मी तेज हो गई थी।
 
इसके बाद गृह मंत्रालय में लगातार कश्मीर मुद्दों को लेकर अहम बैठक होने और खुद गृहमंत्री अमित शाह के 25 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाना इस बात का साफ संकेत था कि कश्मीर में कुछ बड़ा होने जा रहा है।
 
शाह के दौरे के फौरन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजित डोभाल का राज्य का दौरा कर आला आधिकारियों के कई बैठकें करना और इसके बाद बाद 26 जुलाई को जम्मू कश्मीर में 100 कंपनियों सुरक्षा बलों की तैनाती का फैसला होना इस बात के साफ संकेत है कि जम्मू कश्मीर में कुछ बड़ा होने जा रहा है।
 
चर्चा इस बात की जोर शोर से है कि मोदी सरकार 15 अगस्त से पहले जम्मू कश्मीर में कोई बड़ा नीतिगत निर्णय लेने जा रही है जिसको लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। 
 
मोदी-शाह का कश्मीर प्लान! : जम्मू-कश्मीर को लेकरप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का प्लान किया है, इसका पता तो अब तक किसी को नहीं है लेकिन सबसे अधिक चर्चा जम्मू कश्मीर के स्पेशल दर्ज को खत्म करने को लेकर है।
 
संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए के तहत कश्मीर को जो स्पेशल दर्जा मिला है उसको हटाने का फैसला मोदी सरकार कर सकती है। संसद के मॉनसून सत्र को आगे बढ़ाया जाना और कश्मीर में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती के साथ अमरनाथ यात्रा को बीच में खत्म करना और बाहरी लोगों को घाटी खाली की एडवाइजरी के बाद इस बात की संभावन बहुत बढ़ गई है कि सरकार जम्मू-कश्मीर के बारे में कोई नीतिगत निर्णय लेने जा रही है।
 
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेशनल कॉन्फेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला का मिलना और उसके बाद उनका यह बयान कि जम्मू-कश्मीर से उसका स्पेशल स्टेटस नहीं छीना जाए बहुत कुछ इशारा करता है। पिछले दिनों संसद में गृहमंत्री अमित शाह का यह कहना है कि 370 के आगे अस्थाई शब्द लगा है और इसको खत्म होना चाहिए आने वाले दिनों होने वाली तस्वीर का इशारा करती है।
 
इसके साथ ही घाटी में आतंक के खिलाफ नए से ऑपरेशन ऑलआउट चलाए जाने की भी चर्चा है। इस बीच सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में यह भी चर्चा जोर शोर से चल रही है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को तीन अलग अलग केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में बांट सकती है।
 
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा हुआ है और सभी निर्णय राज्यपाल की सहमति से होने है। ऐसे में इस बात की संभावन बहुत बढ़ जाती है कि मोदी सरकार सूबे के बारे में आने वाले दिनों में कोई बड़ा निर्णय ले।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

स्टीव स्मिथ ने 25 शतक बनाने के मामले में विराट कोहली को पीछे छोड़ा