Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पत्थरबाजी का साइड इफेक्ट, कश्मीर में पर्यटन तबाह

हमें फॉलो करें पत्थरबाजी का साइड इफेक्ट, कश्मीर में पर्यटन तबाह
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। कश्मीरियों के लिए यह एक कड़वे सच के माफिक है कि हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी उनकी खुशियों को लील गया है। सबसे अधिक और बुरा असर पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ा है, जो दाने-दाने को मोहताज होने लगे हैं। फिलहाल यह असर लंबा चलेगा। इसे तो अब सरकारी तौर पर भी माना गया है।
 
सरकार ने माना है कि लंबे अरसे से अमन तलाश रहे कश्मीर के बिगड़े माहौल का असर उसकी माली सेहत पर भी पड़ रहा है। घाटी में हिंसा की वजह से पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है। जम्मू-कश्मीर सरकार के ताज़ा आर्थिक सर्वे का अनुमान कुछ ऐसा ही है।
 
सरकारी रिपोर्ट कहती है कि आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में सिर्फ़ 6 लाख 20 हज़ार लोग आए थे। इनमें से भी 2 लाख 20 हजार लोग अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालु थे। घाटी के बिगड़े हालात के कारण 2016 में जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 16 हज़ार करोड़ का नुक़सान हुआ है।
 
पिछले दो साल के आंकड़ों को ही देखें तो हिंसा के कारण जम्मू कश्मीर का पर्यटन उद्योग कितना चौपट हो गया और इसके पीछे हिंसा और पत्थरबाज़ी की घटनाएं जिम्मेदार हैं। साल 2015 में क़रीब 13 लाख लोग कश्मीर की वादियों का लुत्फ़ उठाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में कश्मीर में पर्यटकों की संख्या 55 प्रतिशत कम हो गई।
 
यानी 2016 में हालात ख़राब हुए तो पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा घट गई। इस तरह से 2016 की दूसरी तिमाही में कुल 752 लाख रुपए की आमदनी का नुकसान हुआ, जबकि इसी दौरान 2015 में 936.89 लाख रुपए की आमदनी हुई थी यानी घाटी के बिगड़े हालात की वजह से राज्य की पर्यटन से होने वाली कमाई 80 प्रतिशत तक कम हो गई। हालात ज्यादा तब बिगड़े जब 8 जुलाई 2016 को हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।
 
जम्मू कश्मीर सरकार की इकॉनामिक्स सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि घाटी के हालात बिगड़ने की वजह से साल 2016 में अकेले कश्मीर घाटी के उद्योगों को 13 हज़ार करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ। यही नहीं ख़ुद का रोज़गार करने वाले लोगों को 276 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ, जबकि नौकरी करने वाले लोगों को 168 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ तथा दूसरे धंधे में लगे लोगों को 190 करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ।
 
ऐसा भी नहीं है कि बुरहान वानी की मौत से होने वाले नुकसान का सिलसिला थम गया हो, बल्कि यह अभी भी जारी है। इस महीने की 8 तारीख को एक साल हो जाएगा और आशंका यह है कि यह नुक्सान अभी कुछ और महीनों तक चलेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इन बेहतरीन फीचर्स के साथ लांच हुए मर्सिडीज जीएलए के नए वैरिएंट