भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू पर हमला करते हुए कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री का देश निर्माण का विचार पुरानी परंपराओं को 'छोड़ने' और उनके स्थान पर 'आयातित विचारों' को स्वीकार करने पर आधारित था। वहीं दूसरी ओर जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय ने 'भारतीय मूल्यों' का संरक्षण करने का प्रयास किया।
शाह ने रविवार को कहा, 'जवाहरलाल नेहरू का देश निर्माण का विचार पुराने मूल्यों एवं परंपराओं को छोड़ने और विदेशी विचारों को आयातित करने पर आधारित था। हालांकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरानी परंपराओं एवं मूल्यों के सरंक्षण में विश्वास करते थे। इसने भारतीय जनसंघ और बाद में भाजपा की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।' भाजपा अध्यक्ष शाह यहां उपाध्याय की जीवनी 'राष्ट्रद्रष्टा' के विमोचन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, 'स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान विभिन्न विचारधारा वाले लोगों ने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पूरा श्रेय कांग्रेस के खाते में गया।' शाह ने कहा, 'कांग्रेस ने नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनाया जो देश निर्माण में विदेशी विचारों को लाने और पुराने मूल्यों एवं परंपराओं को छोड़ने में विश्वास करते थे।'
उन्होंने कहा कि उपाध्याय एवं अन्य सदस्यों ने उन्हीं भारतीय मूल्यों एवं परंपराओं के आधार पर देश निर्माण की रूपरेखा पर अथक परिश्रम किया जिसे नेहरू छोड़ने का प्रयास कर रहे थे तथा भारतीय जन संघ की स्थापना की जो कि भारतीय जनता पार्टी का अग्रवर्ती था।
इस बीच मानस डेका ने असमी युवाओं के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसने यहां एक दूसरे कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष शाह का स्वागत किया। मानस डेका पर जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार ने गत अप्रैल में एक विमान में गला दबाने का आरोप लगाया था। (भाषा)