नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार को याचिका दायर कर नागर विमानन मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि जिन यात्रियों ने जेट एयरवेज के टिकट खरीदे हैं उनके या तो पैसे वापस किए जाएं अथवा उनकी यात्रा के लिए कोई विकल्प उपलब्ध करवाया जाए, क्योंकि जेट एयरवेज ने अपने सभी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन अस्थायी रूप से रोक दिया है।
इस याचिका में कहा गया है कि जेट एयरवेज की सेवाओं को अचानक निलंबित कर दिए जाने से यात्रियों के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो गया है जिसके बारे में उन्हें पहले से नहीं बताया गया था। यह याचिका बेजोन कुमार मिश्र ने दायर की है और नागर विमानन मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को सभी प्रभावित यात्रियों के लिए उचित मुआवजे के साथ हवाई टिकटों के कीमतों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करने अथवा गंतव्य तक पहुंचने के लिए यात्रा की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
इस याचिका पर संभवत: 24 अप्रैल के सुनवाई होने की संभावना है। याचिका अधिवक्ताओं शशांक देव सुधी एवं शशि भूषण की ओर से दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि यह सर्वविदित है कि सभी प्रतिस्पर्धी एयरलाइनों ने अपने किराए में अत्यधिक वृद्धि की है और लाचार उपभोक्ता न केवल पैसे के मामले में बल्कि अभूतपूर्व पैमाने के मानसिक उत्पीड़न का भी सामना कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि यात्रियों की गाढ़ी कमाई का 360 करोड़ रुपए टिकटों की वापसी नहीं होने के कारण फंसा हुआ है। (भाषा)