मुंबई। वैश्विक मंदी की आशंका और मुद्रास्फीतिक दबाव के बीच जुलाई में नौकरियों के अवसरों में महज 1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इस दौरान डिजिटलीकरण और उपभोक्ता धारणा में बदलाव होने से कई क्षेत्रों में सुधार देखा गया। जुलाई में बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई), रसायन, प्लास्टिक, रबर, पेंट, उर्वरक, कीटनाशक और कार्यालय उपकरण उद्योगों में नई भर्तियों की मंशा बरकरार रही।
मॉन्स्टर रोजगार सूचकांक (एमईआई) की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि बढ़ते डिजिटलीकरण और 5जी सेवाएं शुरू होने की उम्मीद में दूरसंचार उद्योग में भर्तियों को लेकर तेजी का रुख देखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए खुदरा क्षेत्र में भी नौकरियों की स्थिति सुधरी है। मॉन्स्टर इंडिया नौकरियों के बारे में ऑनलाइन डाली गईं सूचनाओं के विश्लेषण के आधार पर यह मासिक रोजगार सूचकांक जारी करती है।
रिपोर्ट कहती है कि भर्तियों के मामले में दूसरी श्रेणी के शहर महानगरों को पीछे छोड़ चुके हैं। अहमदाबाद और कोयंबटूर इस मामले में अन्य शहरों से आगे रहे। पुणे में बीएफएसआई क्षेत्र की 66 प्रतिशत कंपनियों ने भर्तियां करने की मंशा जताई। इस तरह वित्त-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के तेजी से उभरते केंद्र के रूप में पुणे ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। पिछले महीने शीर्ष प्रबंधन स्तर के पदों पर भर्ती में 18 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता के दौर में कंपनियों को आगे बढ़ाने के लिए शीर्ष प्रबंधकों की मांग बढ़ती हुई दिख रही है।
मॉन्स्टर डॉट कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शेखर गरीसा ने कहा कि लंबी अनिश्चितता के बाद भारतीय नौकरी बाजार ने नौकरियों की मांग के संदर्भ में खुद को स्थिर कर लिया है। वैश्विक मंदी की आशंका के बीच जुलाई में माह-दर-माह आधार पर भले ही सिर्फ 1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई लेकिन मौजूदा हालात में यह भी अच्छी खबर है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता खपत बढ़ने से खुदरा एवं विनिर्माण क्षेत्रों का प्रदर्शन काफी अच्छा है। त्योहारी सीजन के मद्देनजर होने वाली भर्तियां तेज हैं और इसके आगे और बढ़ने की उम्मीद है।(भाषा)