भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब उनके करीबी पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।
सिंधिया ने महासचिव पद से इस्तीफा ऐसे समय दिया है, जब उनका नाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जोर-शोर से आगे बढ़ाया जा रहा था।
सिंधिया ने चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रियंका गांधी के साथ ही पार्टी महासचिव बनाते हुए पश्चिमी उत्तरप्रदेश का प्रभारी बनाया गया था।
चुनाव परिणाम में जहां पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पार्टी की करारी हार हुई, वहीं खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी परंपरागत सीट गुना-शिवपुरी से भी चुनाव हार गए।
इसके बाद जब हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है, उसके बाद अब सिंधिया ने भी महासचिव पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। फिलहाल सिंधिया का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।
इससे पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया और कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष विवेक तन्खा ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस अध्यक्ष बनने की रेस में : राहुल गांधी के करीबी माने जाने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की रेस में सबसे आगे है।
शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी के सीनियर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब किसी युवा चेहरे को पार्टी की कमान देने की वकालत की तो सिंधिया का नाम अचानक से सुर्खियों में छा गया।
गांधी परिवार के करीबी और राहुल गांधी के विश्वस्त होने के चलते सिंधिया को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश करने के साथ ही सिंधिया का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी जोर-शोर से चर्चा में है। मध्यप्रदेश में सिंधिया के कई समर्थक मंत्री और नेता उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर चुके हैं।