डूंगरपुर। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन और सृष्टी सेवा समिति डूंगरपुर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को जिले के बिच्छीवाडा पुलिस थाने में बाल मित्र कक्ष का उद्घाटन समारोह किया गया। साथ ही बच्चों की सुरक्षा से संबंधित कानूनों की जानकारी दी गई।
इस मौके पर जिले में बालश्रम, बाल शोषण और ट्रैफिकिंग की रोकथाम को लेकर विभिन्न सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। गौरतलब है कि कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन और सृष्टी सेवा समिति राजस्थान के दस जिलों के 20 पुलिस थानों को बाल मित्र पुलिस थाने के रूप में स्थापित कर रही है।
सृष्टी सेवा समिति के सचिव सोहनलाल जन्नावत ने कहा कि मौजूदा वक्त में ऐसे पुलिस थानों की जरूरत है, जहां बच्चे भयमुक्त होकर अपनी बात कह सकें। समिति के सीइओ रवि बघेल ने अतिथियों का स्वागत किया। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक बिधान चंद्र सिंह ने बाल मित्र पुलिस की अवधारणा को समझाया। उन्होंने कहा कि बच्चों के प्रति पुलिस को और ज्यादा संवदेनशील एवं जिम्मेदार बनाने के लिए बाल मित्र पुलिस का होना अत्यंत आवश्यक है। वृत डूंगरपुर के जिला उप अधीक्षक राकेश कुमार ने बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर जानकारी दी। चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन के जिला समन्वयक मुकेश गौड़ ने बालश्रम व ट्रैफिकिंग पर जानकारी दी।
इस मौके पर बालकृष्ण परमार, सीडब्ल्यूसी के पूर्व अध्यक्ष गोपाल, आरपीएफ के अरविंद ने भी अपने विचार रखे। घाटिया की पूर्व प्रधान राधा देवी, सीडब्ल्यूसी के सदस्य विजय रावल ने सृष्टी सेवा समिति के प्रयासों की सराहना की और बच्चों को बताया कि किसी भी तरह का शोषण होने पर उन्हें 1098 पर कॉल करना चाहिए। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक लोहित आमेटा ने किशोर न्यास एवं बाल संरक्षण अधिनियम की जानकारी दी।
अंत में एसएस भट्ट द्वारा आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री आरडी वर्मा द्वारा किया गया। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन डूंगरपुर टीम के सुरेन्द्र ढोली, कल्पेश यादव, जितेंद्र कटारा, अनिता यादव और उमा कृष्णावत ने कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा सहयोग प्रदान किया।