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'कलाम स्मारक' बना सबके आकर्षण का केंद्र

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नई दिल्ली , सोमवार, 1 अगस्त 2016 (20:29 IST)
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित स्मारक बड़ी संख्या में बच्चों, युवाओं और उम्रदराज लोगों को आकर्षित कर रहा है और विशाल वीडियो स्क्रीन पर प्रदर्शित उनके विचार लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
'कलाम मेमोरियल' व्यस्त दिल्ली हाट के पिछले हिस्से में है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद विगत दो दिनों में बड़ी संख्या में लोग वहां आ रहे हैं। यहां युवा और वृद्ध समान रूप से महसूस कर सकते हैं कि वह कितना सादा जीवन जीते थे। इसकी वजह से ही उन्हें 'जनता के राष्ट्रपति' की उपाधि दी गई थी।
 
स्मारक के सामने एक खुला प्रांगण है और इसके पास एक बरामदा है। धातु की एक पट्टिका पर कलाम की तस्वीर है और दीवारों पर उनके जीवन के सफर की जानकारी दी गई है। दीवार को बाहर से जीवंत लाल रंग से पेंट किया गया है।
 
संग्रहालय में पूर्व राष्ट्रपति से जुड़ी वस्तुएं रखी गई हैं, जिसमें उनके कपड़े, पुस्तकें, स्मारिका और प्रशस्ति पत्र, जो उन्हें विभिन्न संस्थानों और संगठनों ने भेंट किए, वो सब शामिल हैं।
 
दीवारों पर बड़ा पैनल लगाया गया है जिसमें रामेश्वरम् में 1931 में उनके जन्म से लेकर देश के शीर्ष पद तक पहुंचने के उनके जीवन के सफर को दर्शाया गया है। एक विशेष पैनल में शिक्षकों के साथ उनके संवाद के अनुभवों को बयां किया गया है और कैसे पक्षियों की उड़ान ने उन्हें रॉकेट साइंस पढ़ने के लिए प्रेरित किया, इसका जिक्र है।
 
एक विशेष वीडियो में बच्चों की ओर से कलाम को दी गई श्रद्धांजलि स्क्रीन पर दिखाई गई है। विज्ञापन के पेशे से जुड़े रमेश टाहिलयानी ने कहा, मेरा मानना है कि यह अच्छी पहल है। अन्य स्मारकों के विपरीत यहां आप वाकई उनकी (कलाम की) मौजूदगी, उनकी भावना महसूस कर सकते हैं और लोग यहां आकर अच्छा करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। 
 
उन्होंने कहा, आईएनए दिल्ली हाट पहले ही सांस्कृतिक रूप से जानी-पहचानी जगह है और अब यह अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र होगा। 'संगीत के प्रति उनके लगाव' वाले खंड में कलाम की एक आवक्ष प्रतिमा लगी है। स्मारक के केंद्र में 'मिसाइल मैन' की बच्चों से घिरी हुई एक आदम कद प्रतिमा लगाई गई है।
 
फाइबर की आवक्ष प्रतिमा लगाने वाले नील इंद्रिय दास ने कहा, मुझे व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने का कभी मौका नहीं मिला लेकिन मैं इस प्रतिमा को बनाकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह उन्हें मेरी श्रद्धांजलि है। 
 
मेमोरियल में कलाम पर बनाई गई पेंटिंग भी हैं। इसमें तैल चित्र के साथ-साथ रेखाचित्र और टेक्स्ट आर्ट भी है। इन सबमें कई युवाओं ने योगदान दिया है। एक स्मारिका की दुकान है जिसमें कॉफी मग, टी शर्ट, पट्टिका और कलाम की विरासत से जुड़ी अन्य वस्तुएं बिक्री के लिए रखी गई हैं। (भाषा)

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