नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के हालिया अनशन से जुड़े प्रकरण को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि कमलनाथ ने गुरुवार को पायलट से मुलाकात भी की थी। इस दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
इस मुलाकात के दौरान पायलट ने अपने मुद्दों को कमलनाथ के सामने रखा और यह स्पष्ट किया कि उनका एक दिवसीय अनशन पार्टी के खिलाफ नहीं था, बल्कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर था। यह बैठक सौहार्दपूर्ण रही, हालांकि इसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
उधर, राजस्थान में कांग्रेस के मामलों के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के अनशन प्रकरण को लेकर पार्टी नेतृत्व के साथ बैठक की थी। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी इस विषय पर चर्चा की।
रंधावा ने बुधवार को कहा था कि पायलट ने मुद्दा सही उठाया है, लेकिन उनका तरीका गलत था। उन्होंने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस से जुड़े पहले के कई घटनाक्रमों के संदर्भ में यह भी कहा था कि पहले कई बार कार्रवाई होनी चाहिए थी जो नहीं हुई, लेकिन अब अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई होगी।
दूसरी तरफ, पायलट के करीबी नेताओं का कहना है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करना पार्टी विरोधी गतिविधि कैसे हो गई। उनकी यह दलील भी है कि पिछले साल कांग्रेस विधायक दल की आहूत बैठक के समानांतर विधायकों की अलग बैठक बुलाए जाने के लिए जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई है?