मध्य प्रदेश में चुनावी घोषणा पत्र (वचन पत्र) को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के ज्योतिरादित्य सिंधिया के एलान के कुछ घंटों के अंदर मुख्यमंत्री कमलनाथ के पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी से मिलने के बाद अब प्रदेश की सियासत गर्मा गई है।
दिल्ली दौरे पर गए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर सरकार और संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। बताया जा रहा कि मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आलाकमान के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सरकार के खिलाफ बार-बार बयानबाजी और सड़क पर उतरने के बयान को लेकर भी नाराजगी जाहिर की।
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा बैठक के दौरान कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है। प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव को पार्टी की तैयारियों के साथ साथ संगठन के कामकाज को लेकर सोनिया गांधी ने फीड बैक लिया है। इसके साथ मुख्यमंत्री ने बताया कि वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार ने जो काम किए है उस पर भी बैठक के दौरान चर्चा हुई है।
गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद मध्य प्रदेश से जुड़े कांग्रेस नेता काफी मुखर नजर आ रहे है। प्रदेश में जल्द होने वाले पंचायत और निकाय चुनाव से पहले दिल्ली चुनाव की हार के बाद कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब कांग्रेस को अपनी विचारधारा बदलने की सीख दे डाली है।
सिंधिया ने कहा कि दिल्ली के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए बहुत ही निराशाजनक आए हैं, पार्टी को नई सोच,नई विचारधारा और नई कार्यप्रणाली की सख्त जरुरत है। वहीं मध्य प्रदेश में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि दिल्ली की हार कांग्रेस के लिए कार्यप्रणाली सुधारने का अवसर है नहीं तो कांग्रेस पार्टी अप्रासंगिक हो जाएगी।
दिल्ली में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से ऐसे समय मुलाकात की है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वचन पत्र के वादे पूरा नहीं होने पर अपनी ही सरकार के खिलाफ स़ड़क पर उतरने की चेतावनी दे डाली। वहीं इस सियासी टकराव के बीच आज दिल्ली में वचन पत्र को पूरा करने के लेकर बनाई कांग्रेस समन्वय समिति की पहली बैठक होगी। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे।