नई दिल्ली। कंझावला में रविवार रात हुई घटना में जान गंवाने वाली युवती की प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके निजी अंगों पर चोट के कोई निशान नहीं होने की बात सामने आई है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यौन उत्पीड़न के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एक चिकित्सकीय बोर्ड ने सोमवार को युवती के शव का पोस्टमॉर्टम किया था। रिपोर्ट में युवती के निजी अंगों पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए।
कंझावला में 20 वर्षीय युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी और युवती को सुल्तानपुरी से कंझावाला तक करीब 12 किलोमीटर घसीटते हुई ले गई। रविवार को हुई इस घटना में युवती की मौत हो गई थी। पुलिस ने कार में सवार 5 लोगों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था। इन पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है जबकि पुलिस पर जांच में ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लग रहा है।
पुलिस कमिश्नर से मिले आप विधायक : आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात कर कंझावला की घटना में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने आरोपियों को बचाने के लिए जिला पुलिस उपायुक्त को बर्खास्त करने की भी मांग की। ज्ञापन में कहा गया है, 'आरोपियों के राजनीतिक संबंध हैं। पुलिस को राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए। इसे जघन्य माना जाना चाहिए और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।'
पुलिस को मिला गवाह : राष्ट्रीय राजधानी के कंझावला में हुई घटना की एक गवाह सामने आई है जिससे यह पता लग सकता है कि 31 दिसंबर की रात क्या हुआ था? विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वारदात की एक गवाह सामने आई है, जो घटना के समय युवती के साथ थी।
उन्होंने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज किया जा रहा है। घटना के समय वह युवती के साथ स्कूटी पर सवार थी और उसे कोई चोट नहीं आई है। उन्होंने बताया कि वह शायद डर गई थी और इसलिए ही युवती को मौके पर छोड़कर वहां से भाग गई।