नई दिल्ली। जनता दल यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव कांवड़ यात्रा पर विवादित बयान देकर फंस गए हैं। यादव ने कहा कि कांवड़ यात्रा में भीड़ बेरोजगारी की निशानी है।
शरद के इस बयान के बाद विवाद बढ़ गया है। धर्मगुरुओं ने भी यादव को आड़े हाथ लिया है। दरअसल, अपने उत्तरप्रदेश दौरे में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया। यादव ने कहा कि श्रावण मास में कांवड़ियों की काफी भीड़ दिखाई देती है। इनके कारण सड़कों पर जाम लग जाता है। दरअसल, यह बेरोजगारी का निशानी है।
शरद यादव ने कहा है कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी उत्तरप्रदेश में गठबंधन कर सकती है। चुनाव से पहले किसी से गठबंधन नहीं होगा। कश्मीर के मुद्दे पर यादव ने कहा कि एक साल के भीतर ऐसा क्या हो गया कि वहां पर लोग सड़कों पर उतर आए। सरकार इस मामले में सभी पार्टियों की बैठक बुलाए साथ ही हुर्रियत कांफ्रेंस को भी शामिल करे।
बयान के बाद घिरे शरद : कांवड़ियों पर बयान देने के बाद शरद यादव पर चौतरफा हमला शुरू हो गया है। एक ओर जहां धर्मगुरुओं ने यादव के बयान की तीखी आलोचना की है, वहीं कांवड़ियों ने भी यादव के बयान की निंदा की है।