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कपिल का आरोप, दवा खरीद में 300 करोड़ रुपए का घोटाला

हमें फॉलो करें कपिल का आरोप, दवा खरीद में 300 करोड़ रुपए का घोटाला
, शनिवार, 27 मई 2017 (18:45 IST)
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार आरोप लगा रहे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में दवाइयों की खरीद में 300 करोड़ रुपए का घोटाला होने का आरोप लगाया है। उन्होंने मंत्रालय में तबादले और नियुक्तियां तथा एम्बुलेंस खरीद में भी गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं।
         
मिश्रा ने शनिवार को यहां कहा कि सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में 300 करोड़ रुपए का दवा घोटाला हुआ है। इस राशि की दवाइयां खरीदी जा चुकी हैं किन्तु यह अस्पतालों में नहीं पहुंची है। उन्होंने मंत्रालय में तबादले और नियुक्तियां तथा एम्बुलेंस खरीद में भी गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि  इन तीनों घोटालों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कराऊंगा।
             
करावल नगर से विधायक मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना मोहल्ला क्लिनिक पर भी अगले एक-दो दिन में हुई गड़बड़ियों का पर्दाफाश करूंगा। केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए  जाने के बाद मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) से भी निष्कासित कर दिया गया था। 
              
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की बहुत कमी है। सरकार ने दवाइयां खरीदीं लेकिन अस्पतालों में नहीं है। सरकार के भंडारों में दवाइयां अटी पड़ी हैं किन्तु वह खराब हो रही है। काफी दवाइयां तो पहले ही खराब हो चुकी हैं। 
 
एम्बुलेंस खरीद घोटाले का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा कि टाटा जिस एम्बुलेंस को आठ लाख रुपए में उपलब्ध कराने के लिए  तैयार है, सरकार ने उन्हें 23 लाख रुपए में खरीदा। सरकार का तर्क था कि यह एम्बुलेंस अग्निरोधी है किन्तु लांच होने से पहले ही दो एंबुलेंस जल गईं। 
 
स्वास्थ्य मंत्री सत्‍येन्द्र जैन पर तबादले और नियुक्तियों में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए  मिश्रा ने कहा कि 30 एमएस की नियुक्ति की गई जिसमें वरिष्ठ डॉक्टरों को हटाकर कनिष्ठ को नियुक्त कर दिया गया। 
            
मिश्रा ने आरोप लगाया कि अस्पतालों में दवाओं को खरीदने का अधिकार खत्म कर सीपीए को दे दिया गया। तरुण सीम को चार पद दिए  गए  और सॉफ्टवेयर के जरिए  दवाइयों की खरीद की जाने लगीं। 
 
मिश्रा ने कहा, दवाइयों को रखने के लिए  तीन गोदाम बनाए  गए। सरकार ने तीन से छह माह की दवाएं पिछले साल अग्रिम में खरीद ली, किन्तु वह अस्पतालों को मुहैया नहीं कराई  गईं  और गोदामों में पड़ी-पड़ी खराब हो गईं। (वार्ता)
 

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