कर्नाटक राज्य के विधानसभा चुनाव पर सभी की निगाहें टिकीं हुई हैं। यहां 12 मई को मतदान होना है और 15 मई को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। राज्य में सक्रिय तीन मुख्य दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) के बीच त्रिकोणीय लड़ाई है।
प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में किसकी जीत होगी, इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह को उम्मीद है कि वे इस बार देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से एक और बड़ा राज्य झटक लेंगे। हालांकि यह इतना आसान भी नहीं है।
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर टाइम्स नाऊ ने एक पोल ऑफ पोल्स कराया है जो कि चुनाव पूर्व कई सर्वेक्षणों को जुटाकर एक सर्वे के रूप में किया गया है। तीन पोल सर्वे के आधार पर ये औसत आंकड़े निकाले गए हैं। इस पोल के आधार पर कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने का अनुमान है।
पोल के अनुसार राज्य की 224 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस 93 सीटें जीत सकती है। एक अन्य पोल, टाइम्स नाऊ और वीएमआर के 23 अप्रैल के सर्वे में कांग्रेस 91 सीटें जीतती दिख रही थी, वहीं जैन यूनिवर्सिटी और सीएसडीएस के इसी तिथि को हुए सर्वे में कांग्रेस को 88 सीटें मिलने की बात कही गई है।
हाल में एनटीवी-एनजी सर्वे में कांग्रेस के सौ सीटें जीतने की संभावना दिखाई गई हैं। दूसरे और तीसरे सर्वे के आधार पर निकाले गए औसत आंकड़े के मुताबिक भाजपा राज्य में 87 सीटें जीत सकती है। वहीं टाइम्स नाऊ-वीएमआर सर्वे के मुताबिक भाजपा 89 सीटें जीत सकती है।
लेकिन जैन यूनिवर्सिटी और सीएसडीएस के सर्वे में 92 और एनटीवी-एनजी के सर्वे में भाजपा के 80 सीटों के आंकडो़ं पर पहुंचने का दावा किया गया है। बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही जनता दल (सेक्युलर) के सामने राज्य के इस चुनाव में प्रासंगिक बने रहने की चुनौती है।
उल्लेखनीय है कि जद (एस) पिछले दस साल से राज्य की सत्ता से बाहर है। पर इस पोल की भविष्यवाणी के मुताबिक जनता दल (सेक्युलर) 38 सीटें जीत सकती है। जबकि टाइम्स नाऊ-वीएमआर ने इसे 40 सीटें दी हैं, तो जैन यूनिवर्सिटी-सीएसडीएस ने 35 और एनटीवी ने 38 सीटों की भविष्यवाणी की है।