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Money Laundering मामले में ED के सामने तीसरी बार पेश हुए कार्ति चिदंबरम

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 12 जनवरी 2024 (18:59 IST)
  • चीनी नागरिकों को वीजा जारी किए जाने से जुड़ा है मामला
  • रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपए दिए जाने का है आरोप
  • कार्ति के खिलाफ यह तीसरा धनशोधन मामला है
Karti Chidambaram appeared before the ED : कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम शुक्रवार को एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए। वर्ष 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को कथित वीजा जारी किए जाने से जुड़े धनशोधन मामले में पिछले एक महीने से भी कम समय में यह तीसरा मौका है जब वह जांच एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए हैं।
 
प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्ति से इससे पहले पिछले साल 23 दिसंबर को और इस वर्ष 2 जनवरी को पूछताछ कर चुका है। केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तमिलनाडु के शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद कार्ति का बयान दर्ज किया है।
 
शुक्रवार की सुबह कार्ति तीसरी बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे। ऐसा माना जाता है कि इस बार भी उनसे चीनी नागरिक वीजा मामले से जुड़े पीएमएलए मामले में पूछताछ हुई है। सांसद ने इस मामले में जांच एजेंसी के समन को सामान्य मामला और ऐसी चीजें बताया जो नियमित रूप से होती हैं, खासकर जब चुनाव नजदीक आते हैं।

50 लाख रुपए रिश्वत दिए जाने का आरोप : उन्होंने इस महीने की शुरुआत में गवाही देते हुए कहा था, ये सभी व्यर्थ की कवायदें हैं। हम उन पर अमल करेंगे। पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया धनशोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की प्राथमिकी से निकला है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्राथमिकी के अनुसार यह जांच वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (TSPL) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपए दिए जाने के आरोपों से संबंधित है, जो पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रहा था।
 
सीबीआई के अनुसार, बिजली परियोजना स्थापित करने का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था और तय समय से पीछे चल रहा था। टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपए का आदान-प्रदान किया गया था।
सीबीआई ने पिछले साल चिदंबरम परिवार के परिसरों में छापा मारा था और भास्कररमण को गिरफ्तार किया था और कार्ति से पूछताछ की गई थी। कार्ति ने पहले कहा था कि ईडी की जांच बेमतलब थी और उन्होंने पहले भी एजेंसी को दस्तावेज सौंपे हैं। उन्होंने इस मामले को सर्वाधिक बकवास करार देते हुए कहा था कि वह इस बात से आश्वस्त हैं कि उन्होंने 250 तो क्या, एक भी चीनी नागरिक को वीजा प्रक्रिया में मदद नहीं की थी।
उन्होंने इस मामले को उनके जरिए उनके पिता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को निशाना बनाने की कोशिश बताया था। पिछले कुछ वर्षों से ईडी द्वारा आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामलों की जांच के साथ कार्ति के खिलाफ यह तीसरा धनशोधन मामला है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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