जम्मू। कश्मीर में पोस्टर चिपकाकर लोगों को धमकियां तथा चेतावनियां जारी करने का क्रम कोई नया नहीं है, लेकिन 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद से सुरक्षाबलों के लिए वे तत्व परेशानी का सबब बन गए हैं जो पोस्टरों के जरिए कश्मीर में आतंकवाद को जिन्दा रखने की कोशिशों में जुटे हैं।
हालांकि ऐसे तत्वों को प्रशासन की ओर से अब सख्त चेतावनी जारी की गई है, जिसके प्रति यही कहा जा रहा है कि यह आने वाला समय बताएगा कि इस सरकारी चेतावनी का कितना असर हुआ है।
हालांकि इस अरसे के दौरान दो दर्जन से अधिक आतंकियों के ओवर ग्राउंड वर्करों को हिरासत में भी लिया गया है और उनके कब्जे से सैंकड़ो उन पोस्टरों को भी बरामद किया गया, जिनमें लोगों को हड़ताल जारी रखने तथा भारत विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए कहा गया था और ऐसे निर्देश न मानने वालों को परिणाम भुगतने की धमकियां भी गई थीं।
अधिकारी कहते हैं कि ऐसी धमकियां जारी करने वाले जो ओवर ग्राउंड वर्कर हिरासत में लिए गए हैं उनमें से अधिकतर का संबंध हिज्बुल मुजाहिदीन तथा जैशे मोहम्मद से है। इतना जरूर था कि ऐसी धमकी भरे पोस्टर चिपकाने वालों में से दो की नागरिकों द्वारा पिटाई भी की जा चुकी है पर इसके बावजूद कश्मीर के विभिन्न इलाकों से धमकी भरे पोस्टरों से मुक्ति फिलहाल नहीं मिल पाई है।
अधिकारी मानते हैं कि कश्मीर में वर्तमान में आतंकियों से अधिक खौफ धमकी भरे पोस्टरों तथा उनको चिपकाने वालों का है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये वर्कर आतंकियों के लिए मुखबिरी का भी काम कर रहे हैं जो बाद में चेतावनियों की नाफरमानी करने वालों को ‘सजाएं’ दे रहे हैं। याद रहे आतंकी फरमानों की नाफरमानी के आरोप में आतंकी कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से 6 लोगों की हत्याएं कर चुके हैं और करीब 8 दुकानों व 3 ट्रकों को जला चुके हैं।
वैसे धमकी देने वाले अराजक तत्त्वों को प्रशासन ने कड़ी चेतावनी भी जारी की है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दुकानों को खोलने या अन्य नियमित कार्य करने पर लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने संबंधी पोस्टर लगाए जाने के मद्देनजर श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट शाहिद इकबाल चौधरी ने यह चेतावनी जारी की। चौधरी ने शहर का दौरा किया, कई स्थानों पर स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की, ताकि इस मामले को लेकर लोगों के डर को दूर किया जा सके। चौधरी ने लोगों को आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन इन चीजों पर करीबी नजर रख रहा है।
स्थिति यह है कि कश्मीर में आतंकियों की बंदूक से अधिक धमकी भरे पोस्टरों के फैले खौफ के कारण कश्मीरी अभी भी अधर में हैं। उन पर प्रशासन द्वारा दुकानों को पूरा दिन खोलने का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि आतंकी ऐसा करने पर जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। वे सिर्फ धमकियां ही नहीं दे रहे बल्कि लोगों को डराने की खातिर हत्याओं को भी अंजाम दे रहे हैं।