जम्मू। भयानक बर्फबारी के बाद 7 दिनों के उपरांत दो दिन पहले जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे खुलने पर सिर्फ नागरिकों ने ही नहीं बल्कि कश्मीर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। हालांकि यह राहत मात्र कुछ ही घंटों की थी क्योंकि रात को रामबन के पास एक पुल की दीवार ढह गई और कश्मीर घाटी अब 10 दिनों के लिए पूरी तरह से दुनिया कट गई।
प्रशासन 10 दिनों के भीतर सड़क मार्ग को बहाल करने की बात तो करता है लेकिन डर इस बात का है कि अगर मौसम फिर से खराब हुआ तो मुरम्मत का कार्य लंबा खिंच सकता है। मौसम खराब होने की आशंका के पीछे तर्क भी है। मौसम विभाग की भविष्यवाणियां इस बार गलत साबित हो रही हैं। कल रात को 17 व 18 जनवरी को भीषण बर्फबारी की भविष्यवाणी करने वाले मौसम विभाग ने आज सुबह 20 तक मौसम साफ रहने की घोषणा तो की है पर लोगों को यकीन नहीं है।
नतीजा सामने है। राजमार्ग बंद होने से हाहाकार मचा हुआ है। कीमतें आसमान छू रही हैं। चाह कर भी प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है क्योंकि पूरी दुनिया से कटी कश्मीर घाटी को शेष देश से मिलाने वाला दूसरा मार्ग मुगल रोड भी 10 से 12 फुट की बर्फ से ढका हुआ है जिसे फिलहाल खोल पाना असंभव दिख रहा है।
मजबूरी में प्रशासन ने भी पेट्रोल व डीजल की राशनिंग कर दी है। इससे कश्मीरियों की परेशानियां दोगुनी हो गई हैं। सड़कों पर जमीं बर्फ पर वैसे ही गाड़ियां घिसट रह थीं और अब पेट्रोल डीजल की किल्लत ने उन्हें और परेशान कर दिया है।
राजबाग के रहने वाले अब्दुल हमीद के बकौल, पहली बार नहीं है कि कश्मीर को बर्फ ने तारे दिखा दिए हों बल्कि जबसे मैने होश संभाला है ऐसा ही पाया है। अब्दुल हमीद अब उम्र के 60 बसंत पार कर चुका था। वह तो बस दोनों हाथ जोड़ खुदा से बर्फ से मुक्ति देने की दुआ ही करता था, शासद यही उसके बस में था।