जम्मू। कठुआ गैंगरेप मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पहली सुनवाई होगी। पीड़िता की वकील दीपिका सिंह राजावत ने अपनी जिंदगी को खतरे की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि उनका रेप हो सकता, उन्हें मारा जा सकता है। दीपिका ने कहा कि 'आज, मुझे नहीं पता, मैं अपने होश में नहीं हूं। मेरा बलात्कार किया जा सकता है, मुझे मार दिया जा सकता है और वे मुझे अदालत में प्रेक्टिस भी न करने दें। उन्होंने मुझे अलग कर दिया है, मैं नहीं जानती कि अब मैं कैसे रहूंगी।
पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहीं अधिवक्ता दीपिकासिंह राजावत ने कहा कि मामले की सुनवाई कठुआ की अदालत में होने पर उनकी जान को खतरा है। उच्चतम न्यायालय कठुआ मामले में दो याचिकाओं पर आज दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगा। इनमें से एक याचिका कठुआ बलात्कार पीड़िता के परिवार की वकील ने दायर की है। दिल्ली के अधिवक्ता द्वारा दायर दूसरी याचिका में मामले की सीबीआई जांच और मामले को जम्मू से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि उन्हें हिन्दू विरोधी कहा जाता है और उनका सामाजिक रूप से बहिष्कार किया जाता है। दीपिका ने कहा कि वह अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास जाएंगी। उन्होंने कहा कि मैं इसे सुप्रीम कोर्ट को बताऊंगी। मुझे बुरा लग रहा है और यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है। आप मेरी दुर्दशा की कल्पना कर सकते हैं, लेकिन मैं न्याय के लिए खड़ी हूं और हम आठ साल की लड़की के लिए न्याय चाहते हैं।
इस बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की पांच सदस्यीय समिति कठुआ का दौरा करेगी और नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करेगी। उल्लेखनीय है कि जम्मू के कठुआ जिले में हीरानगर तहसील के रसाना गांव में बक्करवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण होने के बाद झाड़ियों में उसका शव मिला था।
कठुआ के रासना गांव में जनवरी में बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी संजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाया गया है। इसमें रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी और विशेष पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने मामले की चार्जशीट में बच्ची के साथ दरिंदगी की कहानी बताते हुए सभी आरोपियों की जानकारी भी दी।