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KCR ने मोदी सरकार के सामने रखी बड़ी मांग, बोले- संसद की नई बिल्डिंग अंबेडकर के नाम पर हो

हमें फॉलो करें KCR ने मोदी सरकार के सामने रखी बड़ी मांग, बोले- संसद की नई बिल्डिंग अंबेडकर के नाम पर हो
, सोमवार, 12 सितम्बर 2022 (22:28 IST)
हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को पहली बार अपनी प्रस्तावित राष्ट्रीय पार्टी के बारे में कुछ उल्लेख किया और भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर साठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। केसीआर ने केंद्र सरकार से दिल्ली में नवनिर्मित संसद का नाम बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर रखने की अपील की।
 
राव ने इसके साथ ही राजग सरकार पर ‘मेक इन इंडिया’ में असफल होने और जनता के खिलाफ नीतियां बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में विफल होने का आरोप लगाया। केसीआर के नाम से जाने जाने वाले राव विधानसभा में ‘केंद्रीय बिजली विधेयक - प्रभाव’ पर एक संक्षिप्त चर्चा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जैसे कि उन्होंने ठेका लिया है, (वे पूछते हैं) आप एक राष्ट्रीय पार्टी शुरू करेंगे? यदि हम नहीं करेंगे, तो क्या आप करेंगे? राष्ट्रीय चरित्र हमारा है या आपका? राष्ट्रीय भावना, राष्ट्रीय चरित्र और पड़ोसियों को प्यार करने वाला बड़ा दिल किसके पास है?
 
केसीआर का सदन में यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनके कार्यालय ने एक दिन पहले यह कहा था कि बहुत जल्द, एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन किया जाएगा और उसकी (राष्ट्रीय पार्टी की) नीतियां बनायी जाएंगी। हालांकि सोमवार को इस बारे में उल्लेख स्वयं राव ने किया।
 
उन्होंने मांग की कि केंद्र बिजली सुधारों को वापस ले। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से देश के गरीबों और किसानों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि मैं भारत के प्रधानमंत्री से अनुरोध कर रहा हूं, कृपया वापस ले लें, कृपया बिजली सुधारों को भगवान के लिए वापस ले लें, जो इस देश के गरीब लोगों, इस देश के गरीब किसानों के लिए उपयुक्त नहीं है। यह हानिकारक होगा, गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए यह खतरनाक है। मैं तेलंगाना की विधानसभा से विनम्र निवेदन करता हूं, इसे कृपया वापस ले लें।
 
उन्होंने कहा कि वह केंद्र से ‘हाथ जोड़कर’ गरीब विरोधी बिजली विधेयक को वापस लेने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र के 20 लाख कर्मचारी, जो अपनी नौकरी खो सकते हैं, उन्हें आंदोलन करना चाहिए और लाखों करोड़ रुपए की ‘बिजली क्षेत्र की परिसंपत्ति की रक्षा’ के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन की आवश्यकता है।
 
राव ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार स्थायी नहीं है और इसे अगले आम चुनाव के बाद हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार स्थायी नहीं है। केवल 17-18 महीने, हमारे (टीआरएस सरकार) पास 13-14 महीने हैं और उसके बाद उनके चार महीने बाद (आम चुनाव) हैं। हम इस जनविरोधी सरकार को शत-प्रतिशत विदा कर देंगे।
 
राव ने कहा कि यदि केंद्र बिजली विधेयक वापस नहीं लेता है और कृषि पंपसेटों में मीटर लगाता है तो किसान समुदाय को शामिल करते हुए एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि भाजपा नीत सरकार को अलविदा कहने के बाद कृषक समुदाय को मुफ्त बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए कि देश के 28 राज्यों के किसान संघों के प्रतिनिधियों ने हाल ही में उन्हें पहल करने के लिए कहा था, एक 'क्रांति' की शुरुआत होगी। 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए उन्होंने कहा कि देश में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद जैसे पतंग में इस्तेमाल होने वाले 'मांझा', राष्ट्रीय ध्वज, दिवाली के पटाखे, नेल-कटर और यहां तक ​​कि दाढ़ी बनाने की ब्लेड भी चीन में बनी हैं।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क के एक सुझाव पर सहमति जताते हुए राव ने कहा कि मंगलवार को विधानसभा में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे, जिसमें केंद्र से दिल्ली में नवनिर्मित संसद का नाम बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर रखने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजग सरकार द्वारा लाए गए बिजली क्षेत्र के सुधारों का विरोध करते हुए एक और प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
 
उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य को मिले एक गजट में कहा गया है कि बिना मीटर के कोई (बिजली) कनेक्शन नहीं दिया जाना चाहिए और ऐसा मीटर 'स्मार्ट' होना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम में मीटर लगाए गए हैं, जिसका किसानों ने (बिल का भुगतान करने के लिए वित्तीय बोझ को देखते हुए) विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सुधारों के नाम पर किसानों और अन्य बिजली उपभोक्ताओं का शोषण करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजग सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ‘बेच’ रही है।
 
कुछ भाजपा नेताओं द्वारा कथित तौर पर दिए गए बयानों पर आपत्ति जताते हुए, उन्होंने केंद्र पर राष्ट्रीय ध्वज को बदलने के बारे में कुछ के बयानों पर मूक दर्शक बने रहने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना में एक जनसभा में अन्य दलों को हटाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि दिए जा रहे बयानों ने धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों को आहत किया है।
 
राव ने आरोप लगाया कि अब तक 11 राज्य सरकारों को अस्थिर किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने टिप्पणी की कि एक ‘एकनाथ शिंदे तमिलनाडु में भी आएंगे।’ राव ने महंगाई, रुपए के अवमूल्यन, काला धन वापस लाने में विफल रहने, रोजगार सृजन में विफल रहने और अन्य को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा। इससे पहले, भाजपा सदस्य एम रघुनंदन राव ने कहा कि संसद में बिजली पर पेश किए गए दो विधेयक कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली देना समाप्त करने की बात नहीं करते हैं।

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