देहरादून। उत्तराखंड में मौसम खराब होने के कारण जिला प्रशासन ने केदारनाथ की यात्रा रोक दी है। भारी संख्या में केदारनाथ जाने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग और गौरीकुण्ड में ही रोका गया है। बदरीनाथ धाम में रुक-रुककर हो रही बारिश से ठंड बढ़ गई है।
श्रद्धालुओं को होटल में रुकने की सलाह : प्रशासन ने श्रद्धालुओं को फिलहाल केदार धाम तक की यात्रा करने के लिए मना किया है। सभी श्रद्धालुओं को होटल में रुकने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन ने यह भी कहा है कि जो इंतजार नहीं करना चाहते वे पहले बदरीनाथ की यात्रा पर चले जाएं।
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ में सुबह से बारिश हो रही है और अपराह्न करीब ढाई बजे से बर्फबारी भी शुरू हो गई। पैदल मार्ग पर बर्फ पड़ने से यात्रियों को दिक्कत भी हो रही है, क्योंकि इससे फिसलन बढ़ गई है।
गौरतलब है कि यात्रा शुरू होने के बाद से केदारनाथ में तीन बार बर्फबारी हो गई है। केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा के शुरू नहीं होने से भी गौरीकुंड और सोनप्रयाग में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो रही है।
बदरीनाथ धाम बारिश से बढ़ी ठंड : बदरीनाथ धाम में रुक-रुककर हो रही बारिश से ठंड हो गई है, जिससे राहत दिलाने के लिए अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को साथ में गर्म कपड़े लाने की सलाह दी जा रही है।
चमोली जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को ठंड से राहत दिलाने हेतु बदरीनाथ नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को धाम में तत्काल अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
जोशीमठ के उपजिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने बताया कि मौसम के बदलते मिजाज तथा ठंड को देखते हुए बदरीनाथ में अलाव की व्यवस्था के अलावा धाम की यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से ठंड से बचने के लिए अपने साथ गर्म कपड़े लाने की अपील भी प्रशासन की ओर से की जा रही है।
इस बीच चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि बदरीनाथ धाम की यात्रा व्यवस्थाओं के लिए उपजिलाधिकारी नरेश दुर्गापाल को यात्रा मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है।
बदरीनाथ धाम के कपाट 10 मई को श्रद्धालुओं के लिये खुले थे और कल 13 मई तक बारिश और ठंड के बावजूद शुरूआती चार दिनों में ही वहां 48, 000 से ज्यादा रिकार्ड तीर्थयात्री भगवान के दर्शन कर चुके हैं।