देहरादून। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली बृहस्पतिवार देर शाम अपने धाम केदारनाथ पहुंच गई है। शुक्रवार को प्रात: आठ बजकर पचास मिनट पर मिथुन लगन में केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के छह माह के लिए आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के अनुसार, तृतीय रात्रि प्रवास गौरीकुंड में करने के बाद बृहस्पतिवार को बाबा केदारनाथ की डोली रामाबाड़ा, जंगलचटटी, लिंचौली होते हुए देर शाम केदारनाथ पहुंची। केदारनाथ पहुंचने पर यहां पहले से उपस्थित भक्तों ने फूल-मालाओं के साथ बाबा केदार की डोली का भव्य स्वागत किया।
गोदियाल ने बताया कि शुक्रवार प्रात: भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा-अर्चना के बाद ठीक आठ बजकर पचास मिनट पर ग्रीष्मकाल के छह माह के लिए भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद कपाट बंद होते समय भष्म, ब्रह्मकमल, राख, पुष्प-अक्षत्र से भगवान शिव के स्वयंभू लिंग को दी गई समाधि को श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा।
उन्होंने बताया, तत्पश्चात भगवान केदारनाथ की विधिवत पूजा शुरू हो जाएगी। इससे पहले बीस अप्रैल को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से प्रस्थान कर प्रथम रात्रि प्रवास गुप्तकाशी, द्वितीय फाटा और तृतीय रात्रि प्रवास गौरीकुंड में किया था। भगवान केदारनाथ की डोली के साथ देश-विदेश एवं स्थानीय श्रद्धालु भी हजारों की संख्या में केदारनाथ पहुंचे। (भाषा)