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केरल में भयावह बाढ़, एक दिन में 100 से अधिक लोगों की मौत

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तिरुवनंतपुरम , शुक्रवार, 17 अगस्त 2018 (13:33 IST)
तिरुवनंतपुरम। केरल में बारिशजनित घटनाओं में गुरुवार को महज 1 दिन में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई, वहीं राज्य में शुक्रवार को अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और पेट्रोल पंप में ईंधन की कमी से संकट गहराता दिखा। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
 
 
करीब एक सदी में आई इस प्रलयंकारी बाढ़ में 8 अगस्त के बाद से अब तक 173 लोगों की मौत हो गई है। आपदा ने इस प्राकृतिक छटा वाले राज्य को झकझोरकर रख दिया है। इसके चलते इसका पर्यटन उद्योग बर्बाद हो गया है, हजारों हैक्टेयर भू-भाग में उपजी फसलें तबाह हो गई हैं और बुनियादी ढांचे को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है।
 
राष्ट्रीय आपदामोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का बड़ा कार्य शुरू किया। ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया। ये गांव आज किसी द्वीप में तब्दील हो गए हैं।
 
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत सैकड़ों लोग ऐसी जगहों पर फंसे हैं, जहां नौका से पहुंच पाना मुश्किल है। उन लोगों को रक्षा मंत्रालय के हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। टीवी चैनलों पर प्रसारित एक वीडियो फुटेज में प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला को नौसेना के हेलीकॉप्टर में एक रस्सी के सहारे ऊपर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान महिला की एमनियोटिक थैली फट गई थी और ऑपरेशन के लिए उसे नौसेना अस्पताल भेजा गया, जहां उसने बेटे को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
 
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी केरलवासी अपने-अपने प्रियजन की मदद की खातिर टीवी चैनलों के माध्यम से अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया से सौम्या ने कहा कि उसके माता-पिता और रिश्तेदार पिछले 2 दिन से अलुवा में फंसे हैं। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसकी एक बजुर्ग रिश्तेदार मैरी वर्गीज को ऑक्सीजन सिलेंडर की बहुत सख्त जरूरत है और उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। एक व्हाट्सऐप वीडियो में बाढ़ में फंसी एक महिला अपने 6 साल के बच्चे के साथ मदद की अपील करती दिख रही है। वीडियो में महिला कहती है कि हमारे पास न खाना है, न पानी। कृपया हमारी मदद करें। 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुक्रवार रात तक केरल पहुंचने की संभावना है। शनिवार को वे बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने वाले हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से फोन पर बात करने के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि हमने समूचे राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा और राहत अभियानों की समीक्षा की। शुक्रवार शाम मैं केरल के लिए रवाना होऊंगा और बाढ़ की विभीषिका का जायजा लूंगा। पिछले 2 दिनों से दोनों नेता लगातार संपर्क में हैं।
 
विजयन ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण से भी बात की और बताया कि हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। 50,000 से अधिक परिवारों से 2.23 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। कुछ जगहों पर बारिश थोड़ी थमी है लेकिन पथनमथिट्टा, अलपूझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिले अब भी मानसूनी संकट से जूझ रहे हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि एर्नाकुलम जिले में कई निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है जिसके चलते अधिकारियों ने मरीजों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया। अस्पतालों में पानी घुस जाने के कारण कई मरीजों को वहां से निकाला गया। राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने भी बाढ़ के खतरे और पेयजल की कमी की शिकायत की। राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम जैसे स्थानों में कुछ पेट्रोल पंपों में ईंधन की कमी दिखी।
 
तिरुवनंतपुरम जिले में कई पेट्रोल पंपों में मोटर चालकों की लंबी-लंबी कतारें दिखीं। अधिकारियों ने पेट्रोल पंपों को निर्देश दिया है कि वे राहत अभियानों के लिए अपने पास हर वक्त 3,000 लीटर डीजल और 1,000 लीटर पेट्रोल अपने पास बचाकर रखें।
 
अलुवा, कालाडी, पेरुम्बवूर, मुवाट्टुपुझा एवं चालाकुडी में फंसे लोगों को निकालने के कार्य में मदद के इरादे से स्थानीय मछुआरे भी अपनी-अपनी नौकाएं लेकर बचाव अभियान में शामिल हुए हैं। कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण विमानों का परिचालन बंद है।
 
सूत्रों ने बताया कि कई ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या उनके समय में परिवर्तन किया गया है। बहरहाल, अब तक कोच्चि मेट्रो की सेवाएं बाधित नहीं हुई हैं। मौसम विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश एवं तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान जताया है। रिपोर्ट के अनुसार पथनमथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलपूझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड जिलों में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। (भाषा)

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