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हारे या जीतें, जिम्मेदारी लूंगी: किरण बेदी

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, सोमवार, 9 फ़रवरी 2015 (10:35 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा की हार दिखाए जाने के बीच पार्टी की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी ने कहा कि चाहे हार हो या जीत वह पार्टी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेंगी।
 
बेदी की टिप्पणियों को भाजपा के चुनाव में संभावित हार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। कांटे की टक्कर वाले इस विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गणना मंगलवार को होगी।
 
यह टिप्पणी तब आई है जब केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी से दक्षिणी दिल्ली में उदय पार्क स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और उनके साथ करीब एक घंटे का समय बिताया।
 
टेलीविजन चैनलों पर दिखाए जा रहे एग्जिट पोल के अनुमानों के बारे में टिप्पणी पूछे जाने पर बेदी ने कहा, ‘सर्वेक्षण हमेशा ही सर्वेक्षण होता है। इसके साथ ही मेरा मानना है कि हमें 10 तारीख के अंतिम परिणाम के लिए इंतजार करने की जरूरत है क्योंकि कुछ विधानसभा सीटों पर अंतर बहुत कम है। इसलिए झुकाव किसी ओर भी हो सकता है।’ 
भाजपा की हार की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बेदी ने कहा कि चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो, जीत हो या हार वह जिम्मेदारी लेंगी। बेदी ने कल यह भी कहा था कि यदि उनकी पार्टी हारती है तो वह ‘पूरी जिम्मेदारी’ लेंगी।
 
कल के एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार आप भारी जीत हासिल करती प्रतीत होती है। इसमें भाजपा को आप के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की संभावना जतायी गई है।
 
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सीतारमण ने बेदी से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हम 10 तारीख को परिणाम आने के बाद बात करेंगे। हमें उम्मीद है कि परिणाम हमारे पक्ष में आएगा।’
 
मंत्री ने कहा, ‘वह मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं और उनका बयान उनका स्वयं का है। वह उस पर टिकी हुई हैं।’ दिल्ली विधानसभा चुनाव के दो दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि चुनाव परिणाम मोदी सरकार के कामकाज पर जनमत संग्रह नहीं हो सकता।
 
शाह की टिप्पणी केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू के दिल्ली चुनाव को लेकर बयान के अनुरूप है।
 
शाह ने कहा था, ‘यह सही है कि यह चुनाव मुख्यमंत्री चुनने के लिए है। राज्य में चुनाव (केंद्र के कामकाज) पर जनमत संग्रह नहीं हो सकता।’ उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में सही है कि भारत में सरकार के अच्छे काम का प्रभाव चुनावों पर होता है, एक चीज के कारण एक राज्य का चुनाव (केंद्र के कामकाज पर) जनमत संग्रह नहीं हो सकता।’
 
शाह ने कहा, ‘वेंकैयाजी ने यह नहीं कहा है। उन्होंने कहा था कि दिल्ली चुनाव मुख्यमंत्री चुनने के लिए नहीं है। आपको संविधान के बारे में जानकारी है। दिल्ली में चुनाव कभी भी प्रधानमंत्री चुनने के लिए नहीं होता।’
 
नायडू ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में चुनावी जनादेश को मोदी सरकार पर जनमत संग्रह के रूप में नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा था, ‘यह चुनाव मुख्यमंत्री पद के लिए है प्रधानमंत्री के लिए नहीं।’ (भाषा)

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