किसानों की कर्जमाफी को लेकर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के बाद अब पंजाब और कर्नाटक में भी किसानों ने सड़कों पर उतरने की तैयारी कर ली हैं। महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश की सरकार की तरह किसानों के कर्जमाफी का फैसला किया है, जबकि मध्यप्रदेश में शिवराजसिंह की सरकार ने किसानों की सभी मांगों को मानने पर ठोस फैसले का आश्वासन दिया है।
कर्नाटक बंद : कर्ज माफी, पानी के मुद्दे पर किसान संगठनों का आज कर्नाटक बंद। कन्नड़ संगठनों ने महादायी नदी के पानी को लेकर गोवा के साथ चल रहे विवाद को लेकर कर्नाटक बंद का ऐलान किया है। संगठनों की मांग है कि सरकार इस मसले को जल्द सुलझाए और किसानों के कर्ज भी माफ करे।
संगठनों ने किसानों की कर्ज माफी, महादायी नदी जल विवाद में प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप और सूखा प्रभावित इलाकों में जल संकट के एक स्थायी समाधान सहित कई मांगें उठाई है। दिन भर के कर्नाटक बंद का आह्वान 'कन्नड़ ओकूता' ने किया है जो कन्नड़ निकायों का एक संघ है।
16 जून को बंद : महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसानों की सभी मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद किसानों के कुछ संगठनों ने 16 जून को देशभर के नेशनल हाईवे बंद करने का निर्णय लिया है। शनिवार को दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में हुई किसान बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश में किसानों की हत्या के विरोध में देश भर के किसान आज से हाथों में कली पट्टी बांधेंगे। किसान 19 जून को फिर दिल्ली में जुटेंगे। बैठक में 62 किसानों संगठनों के जुटने का दावा किया गया।
मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान गोलीबारी के खिलाफ राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ की बैठक में देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान नेताओं ने भाग लिया। बाद में पत्रकारों को बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने बताया कि यहां पर सभी नेताओं ने एकमत से मध्यप्रदेश सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
उन्होंने बताया 16 जून को देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। बंद दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक किया जाएगा। इसके साथ ही 11 जून से सभी प्रांतों में केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की जाएगी। बैठक में किसानों की कर्ज माफी और फसल के लागत मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक मूल्य देने पर भी चर्चा की गई। इस बाबत एक मांगपत्र प्रधानमंत्री को भी भेजा गया है।
भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा के गुरनाम सिंह ने कहा कि किसान अब दवा व कर्ज से आत्महत्या नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने वादा किया था कि हम स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करेंगे, लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया गया। मध्यप्रदेश के किसानों की लड़ाई में पूरा देश उनके साथ है। यहां मौजूद सभी किसान नेताओं ने एक स्वर में इन फैसलों का समर्थन किया और देशभर में आंदोलन करने पर सहमति जताई।