-हेतल कर्नल
भाजपा ने गांधीनगर की मनसा सीट से जयंती भाई पटेल यानी जेएस पटेल (JS Patel) को उम्मीदवार बनाया है। यूं तो सभी पार्टियों के उम्मीदवार अलग-अलग कारणों से सुर्खियों में हैं, लेकिन जयंती पटेल इसलिए चर्चा में हैं कि वे इस बार गुजरात के सबसे धनी उम्मीदवार हैं। पटेल 'चांदी का चम्मच' लेकर पैदा नहीं हुए। 100 रुपए प्रतिमाह कमाने वाले मजदूर से लेकर अरबपति कारोबारी बनने का उनका सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन-पत्र के साथ दाखिल चुनावी हलफनामे में 661.29 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है।
इस तरह शुरू हुआ राजनीतिक सफर : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 64 वर्षीय जेएस पटेल का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। पटेल 10वीं पास हैं पेशे से किसान और बिल्डर हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मंगलदास पटेल के चुनाव प्रभारी के रूप में की थी। तब से पटेल ने लोकसभा चुनाव और कई स्थानीय चुनावों में विभिन्न संगठनात्मक जिम्मेदारियों का निर्वाह भी किया है। उन्होंने कोबा में भाजपा को जमीन का एक टुकड़ा भी उपलब्ध करवाया, जहां पर भाजपा का कार्यालय बना हुआ है।
छोटी शुरुआत, बड़ा लक्ष्य : पटेल मनसा के अजोल गांव के रहने वाले हैं। भले ही वे अब 6 अरब रुपए के मालिक हैं, लेकिन उनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। काफी संघर्ष के बाद वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। खेतों में काम करने से लेकर दैनिक मजदूर के रूप में काम की शुरुआत की। पटेल कहते हैं कि हम किसान के बेटे थे, इसलिए हमें जीवन में काफी मेहनत करनी पड़ी। हालांकि, दूरदर्शिता और आगे बढ़ने की इच्छा मुझे अहमदाबाद ले आई, जहां मैंने कई छोटे-बड़े काम किए। उसके बाद मैंने निर्माण लाइन (बिल्डर) में प्रवेश किया।
100 रुपए महीने की नौकरी से शुरुआत : वर्ष 1977-78 में उन्होंने अहमदाबाद में काम किया, जहां उन्हें 100 रुपये महीना मिलता था। वहां उन्होंने करीब 5 महीने काम किया। इस नौकरी को छोड़कर उन्होंने लोहे का कारोबार शुरू किया। उन्होंने मिल में तरह-तरह के काम किए, फिर कंस्ट्रक्शन लाइन में आए और यहां भी उन्होंने कई जगहों पर तरह-तरह के काम किए। फिलहाल वे रियल एस्टेट के कारोबार में हैं।
मोदी के साथ भी किया काम : जेएस पटेल कहते हैं कि मैं बीजेपी में सिर्फ कार्यकर्ता रहा हूं। पार्टी द्वारा सौंपी गई हर जिम्मेदारी को मैंने पूरा किया है। मैंने जिला और क्षेत्रीय कार्यकारिणी में भी काम किया है। मोदी जब मुख्यमंत्री थे, तब उनका सद्भावना उपवास हो, प्रोटोकॉल का काम हो या फिर कोई भी सांगठनिक जिम्मेदारी, उन्होंने सब काम बखूबी संभाला है।
सामाजिक कार्यों में संलग्न : पटेल पिछले 25 वर्षों से समर्पित भाव से सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं। वे कई संस्थाओं के अध्यक्ष हैं। उन्हीं में से एक है मनसा गायत्री शक्तिपीठ, जहां नित्य जनसेवा की जाती है। यहां हर साल में 450 से 500 शादियां होती हैं। जाति की कोई बाध्यता नहीं है। इसके अलावा गायत्री शक्तिपीठ की रसोई में प्रतिदिन 800 से 1000 लोगों को भोजन कराया जाता है।
पटेल ने एक स्कूल भी बनवाया है, जहां करीब 850 बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने डाकोर में एक धर्मशाला भी बनवाई है। इसके अलावा उमिया माता उंझा संस्थान हो, विश्व उमिया संस्थान हो या सरदार धाम, इन सभी संस्थाओं ने उन्हें लोकसेवा का ट्रस्टी बनाया है। पटेल करीब 22 साल तक नवनिर्माण बैंक में निदेशक भी रहे।
जनसंघ के जमाने से जुड़े हैं : पटेल ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैं सबसे अमीर उम्मीदवार हूं या नहीं। मैं तीन दशकों से रियल एस्टेट कारोबार में हूं। मेरे बेटे और मैंने अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए बहुत मेहनत की है। आज हम खुश हैं। वर्तमान में जयंती पटेल का परिवार गांधीनगर जिले के नाभोई में रहता है। पटेल ने कहा कि वह जनसंघ के समय से ही भाजपा से जुड़े हैं।
कितनी है पटेल की संपत्ति : चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार उनकी व्यक्तिगत वार्षिक आय 44.22 लाख रुपए है। जबकि उनकी पत्नी आनंदीबेन की आय रुपए 62.7 लाख है। उनके पास 92.4 लाख रुपए के आभूषण हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 1.2 करोड़ रुपए के आभूषण हैं। उनके परिवार की चल संपत्ति 147.04 करोड़ रुपए और अचल संपत्ति 514 करोड़ रुपए है। उन पर कुल 233.8 करोड़ का कर्ज है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala