kolkata rape murder case : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में मंगलवार को विशेष सीबीआई अदालत ने 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने उनके सुरक्षाकर्मी अफसर अली और दो कथित सहयोगियों (ठेकेदार वेंडर बिप्लब सिन्हा और सुमन हाजरा) को भी 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अदालत को बताया कि यदि आवश्यकता हुई तो वे पुनः उनकी हिरासत की मांग करेगा। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच घोष को सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में दो सितंबर को गिरफ्तार किया था।
51 डॉक्टरों को नोटिस : आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने और संस्थान के लोकतांत्रिक माहौल को खतरे में डालने के लिए 51 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है और उन्हें 11 सितंबर को जांच समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। अदालत ने तीन सितंबर को उन्हें आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।
अस्पताल के अधिकारियों द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि उन्हें समिति के समक्ष अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। आरजी कर अस्पताल की विशेष परिषद समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, उन 51 डॉक्टरों के लिए संस्थान के परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित है, जब तक कि जांच समिति द्वारा उन्हें नहीं बुलाया जाता।
अस्पताल के प्राचार्य द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस में कहा गया है इन डॉक्टरों के कॉलेज की गतिविधियों में भाग लेने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। सूची में वरिष्ठ रेजिडेंट, हाउस स्टाफ, इंटर्न और प्रोफेसर शामिल हैं।
आरजी कर अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत के बाद नौ अगस्त से जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर से ड्यूटी के दौरान कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया और प्रदर्शन हुए।
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे आरजी कर अस्पताल की उस डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर अपना काम बंद जारी रखेंगे, जिसकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम 5 बजे तक डॉक्टरों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है। इनपुट भाषा