Labor Law: श्रम संहिताओं (Labor reform) को तेजी से लागू करना, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों खासकर 'गिग' (gig workers) तथा ऑनलाइन कंपनियों के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और बदलावकारी नीतियों के साथ 2025 में सभी को सशक्त बनाना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता होगी।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेलमंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बातचीत में कहा कि नव वर्ष के मुहाने पर हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है- भारत के लिए एक मजबूत, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना।
शिकायतों का त्वरित तथा कुशल समाधान होगा : उन्होंने कहा कि 2024 में हमने ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) और ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणालियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जिससे शिकायतों का त्वरित तथा कुशल समाधान संभव हो सका।
'गिग वर्करों' की समस्याओं का होगा समाधान : 'गिग' तथा ऑनलाइन मंचों के लिए काम करने वाले श्रमिकों के बढ़ते महत्व को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी सामाजिक सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। यह एक ऐसी यात्रा है, जो जारी है और यह मुख्य एजेंडा में शामिल है। 'गिग वर्कर' से तात्पर्य ऑनलाइन मंचों से जुड़े कर्मचारियों से है, जो आमतौर पर अपने काम के आधार पर भुगतान पाते हैं।
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उन्होंने कहा कि भविष्य की बात करें तो हम श्रम संहिताओं को लागू करने में तेजी लाने और परिवर्तनकारी नीतियां लागू करने के लिए संकल्पबद्ध हैं, जो प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र की विकास गाथा में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाएंगी।
सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध, मजदूरी और व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियों (ओएसएच) पर 4 श्रम संहिताएं संसद में पारित हुई हैं। इन्हें पूरे देश में तभी लागू किया जा सकता है, जब केंद्र तथा राज्य एकसाथ संबंधित नियमों को अधिसूचित करें, क्योंकि श्रम एक समवर्ती विषय है।
अन्य मुद्दों के अलावा इसमें मजदूरी की एक समान परिभाषा का प्रावधान है जिससे श्रम कानून की कई व्याख्याओं तथा संबंधित मुकदमों को कम करने में मदद मिलेगी। इसके तहत सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए योजनाएं तैयार करने के उद्देश्य से 'गिग' और ऑनलाइन मंचों के श्रमिकों को परिभाषित किया गया है।
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने एक केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिससे ईपीएस पेंशनभोगी जनवरी, 2025 से भारत में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की भी घोषणा की।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta