जम्मू। चीन (China) और भारत के बीच लद्दाख सेक्टर में एलएसी (LAC) पर तनाव कम करने के 5 सूत्रीय समझौते के बावजूद चीनी सेना पैंगोंगझील के किनारों के पहाड़ों पर तैनाती को बढ़ा चुकी है। वह पिछले एक सप्ताह के भीतर टैंकों और तोपों की तादाद को भी बढ़ा चुकी है।
हालांकि समझौते के बाद सेना की वापसी 'पहले आप' पर भी इसलिए अटक गई है क्योंकि चीन चाहता है कि पहले भारतीय सैनिक उन पहाड़ियों से पीछे हटें जिन पर भारतीय सेना ने कुछ दिन पहले ही मोर्चाबंदी की है।
मिलने वाली खबरें कहती हैं कि चीनी सेना ने ब्लैकटॉप हिल के आसपास के इलाकों में भी तैनाती की है, साथ ही उसने पैंगोंग झील के किनारे पर फिंगर-4 के पीछे सेना का हेडर्क्वाटर भी बना डाला है।
अगर रक्षा सूत्रों पर विश्वास करें तो अब लद्दाख सेक्टर में एलएसी के विवादित स्थानों पर चीनी सैनिकों की संख्या बढ़कर 70 से 80 हजार पहुंच चुकी है। भारत की ओर से करीब 50 हजार जवान तैनात किए गए हैं।
पिछले सप्ताह भारतीय सेना द्वारा रेजांगला के आसपास के पहाड़ों पर मोर्चाबंदी करने, फिंगर-4 के पास तारबंदी कर मोर्चे बनाने की कवायद के बाद डरी हुई चीनी सेना ने उन इलाकों में सैनिकों की संख्या को बढ़ाया है, जहां उसे डर है कि भारतीय सेना बढ़त ले सकती है। यही कारण था कि कुछेक इलाकों में अब दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं, जहां बोली कब गोली में बदल जाए कोई कह नहीं सकता।
हालांकि तनाव को कम करने की खातिर दोनों मुल्कों के बीच 5 सूत्रीय समझौते की बात कही जा रही है पर इस समझौते का असर एलएसी पर कहीं नजर नहीं आ रहा है। चीना सेना ने तनाव कम करने की खातिर 'पहले आप' का राग अलापना आरंभ किया है।
लाल सेना चाहती है कि सैनिकों को पीछे हटाने की पहल भारतीय सेना को ही करनी होगी। खासकर वह ब्लैकटॉप, समेत उन पहाड़ों से भारतीय सैनिकों की तत्काल वापसी चाहती है जहां पिछले हफ्ते ही भारतीय सैनिकों ने कब्जा कर मोर्चाबंदी कर ली थी।