नई दिल्ली। अति महत्वपूर्ण हस्तियों की सुरक्षा में बड़ी फेरबदल करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमनसिंह और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की सुरक्षा में लगे एनएसजी के ‘ब्लैक कैट’ कमांडों को वापस लिया जा सकता है वहीं सारदा घोटाले के आरोपी मतंग सिंह का जेड प्लस सुरक्षा घेरा जारी रह सकता है।
केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल की अध्यक्षता में हाल ही में एक बैठक में सभी वीआईपी को संभावित खतरे के बारे में चर्चा की गई और फैसला किया गया कि पंजाब के पूर्व पुलिस अधिकारी के पीएस गिल, केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी तथा जितेंद्रसिंह को पूरे देश में जेड प्लस सुरक्षा मिलती रहेगी।
सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद और नक्सलियों से गंभीर खतरे का सामना करने वाले रमन सिंह के सुरक्षा घेरे में से एनएसजी कमांडो को हटाने का फैसला लिया गया है लेकिन कोई औपचारिक आदेश अभी तक जारी नहीं किया गया है। संभावना है कि इन दोनों नेताओं के लिए अब एनएसजी जवानों की जगह सीआरपीएफ के जवान ले लेंगे। लालू को दिल्ली और बिहार में ही जेड प्लस सुरक्षा मिलेगी वहीं रमन सिंह का केंद्रीय बल का सुरक्षा घेरा छत्तीसगढ़ तक ही सीमित रहेगा।
जिन नेताओं की सुरक्षा वापस ली गयी है, उनमें कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और श्रीप्रकाश जायसवाल भी शामिल हैं। दोनों को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी, जितिन प्रसाद, पी एल पुनिया और सलीम शेरवानी भी इनमें शामिल हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को महाराष्ट्र में जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलती रहेगी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में जेड प्लस की सुरक्षा मिलती रहेगी। केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह को पहली बार जेड सुरक्षा मिलेगी। सहारनपुर से भाजपा विधायक सुरेश राणा और मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी पार्टी विधायक संगीत सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को भी वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी है जिसमें उनके साथ चार सुरक्षाकर्मी रहेंगे। (भाषा)