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लालू का नीतीश पर बड़ा हमला, 302 का केस है...

हमें फॉलो करें लालू का नीतीश पर बड़ा हमला, 302 का केस है...
, बुधवार, 26 जुलाई 2017 (20:45 IST)
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आज नीतीश कुमार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि वे भारतीय दंड विधान की धारा 302 के आरोपी हैं। उन पर हत्या और आर्म्स एक्ट का केस चल रहा है।

लालू ने कहा कि नी‍तीश पर बिहार में हत्या का केस चल रहा है और इसमें आजीवन कारावास का प्रावधान है। यह केस  अदालत में चल रहा है। नीतीश पर धारा 302 के साथ 307 की धारा का यह केस है।

लालू ने कहा कि इस मामले में कोर्ट संज्ञान भी ले चुकी है।  यह मामला 26 साल पुराना 16 नवम्बर 1991 का है। नीतीश को गिरफ्तारी का अंदेशा था, इसी कारण उन्होंने इस्तीफे का नाटक किया है। 

तिलमिलाए लालू के बोल...
* नीतीश ने इस्तीफा देकर बिहार की जनता को थप्पड़ मारा है
* बिहार की जनता इस पूरे तमाशे को देख रही है 
* जब भी कन्फ्यूजन होता था, हमने हमेशा नीतीश का तिलक किया
* नीतीश कुमार काफी प्रेशर में थे और इसी वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया
* हमसे कभी इस्तीफा नहीं मांगा गया है
* महागठबंधन हमने खत्म नहीं किया है 
* भ्रष्टाचार से बड़ा है नागरिक की हत्या का आरोप 
* 1991 में कोर्ट ने हत्या करने का संज्ञान लिया था
* नीतीश कुमार ने पोलिंग बूथ पर गोली चलाई थी 
* चुनाव आयोग को भी नीतीश हत्या के केस की जानकारी दे चुके हैं 
* 2010 में भी मैंने यह मामला उठाया था
 
लालू ने कहा कि इस्तीफा देने के पूर्व नीतीश ने मुझसे बात की और मैंने उन्हें इस्तीफा देने से मना किया था। नीतीश ने लालू से कहा कि अब हमसे नहीं चलेगा। 
 
लालू ने आरोप लगाया कि ये सब भाजपा से मिले हुए हैं और पूरी सेटिंग है। मोदी ने ट्‍वीट करके नीतीश को बधाई दी है। यह सब योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है।

राजनीति भी कैसे-कैसे रंग दिखाती है, इसका सबूत इससे बड़ा और क्या हो सकता है कि लालू और नीतीश एक साथ जयप्रकाश नायायण के आंदोलन में साथ चले थे। जब बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव हुए तब कुल 243 सीटों पर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।
 
लालू के आरजेडी को 80 और नीतीश के जेडीयू को 71 सीटें मिली थी। भाजपा को 58 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली थी। 7 सीटों पर अन्य उम्मीदवार को जीत मिली थी। इस तरह जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की मदद से महागठबंधन 178 सीटों के साथ सरकार बनाने में कामयाब हुआ था। 
 
अब जबकि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश और लालू की राहें जुदा हो गई हैं, तब यह देखना दिलचस्प होगा कि जेडीयू भाजपा का बाहर से समर्थन लेती है या सरकार में शामिल होकर आने वाले 40 महीने पूरा करती है। (वेबदुनिया न्यूज) 

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