landslide on Gangotri highway: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र के गंगनानी में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्स्खलन के मलबे में तीन वाहन दब गए, जिससे उनमें सवार मध्यप्रदेश के 4 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मरने वालों में इंदौर और भोपाल से 1-1 तथा देवास के 2 लोग शामिल हैं।
भटवाड़ी के उपजिलाधिकारी चतर सिंह चौहान ने बताया कि सोमवार रात गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मिट्टी धसकने और बोल्डर गिरने से तीन यात्री वाहन मलबे के नीचे दब गए। चौहान के मुताबिक, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राज्य आपदा प्रतिवादन बल की टीमें मौके पर पहुंचीं तथा राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।
चौहान के अनुसार, घटना में मारे गए 4 में से 3 श्रद्धालुओं के शव बरामद कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक अन्य के शव को भी बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। चारों मृतक मध्य प्रदेश के निवासी हैं। चौहान के मुताबिक, घटना में 7 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उपजिलाधिकारी के अनुसार, लगातार बारिश होने और पहाड़ी से मलबा एवं पत्थर आने के कारण बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन द्वारा राजमार्ग से मलबा हटाकर उस पर यातायात सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मलबे की जद में आए 3 वाहनों में कुल 31 लोग सवार थे। इनमें एक टैंपो ट्रैवलर और दो छोटे वाहन थे।
उत्तरकाशी जिला आपदा परिचालन केंद्र के मुताबिक, जिले में लगातार हो रही वर्षा के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, भटवाड़ी से आगे कैप्टन ब्रिज, हेल्गूगाड़, सुनगर, गंगनानी, सुक्खी नाला और हर्षिल के पास भूस्खलन से बाधित है।
जुम्मागाड़ नदी में पुल बहा : राज्य के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल बह गया, जिससे भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गई तथा एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया। सड़क मार्ग से सीमांत चौकियों तक होने वाली आपूर्ति भी ठप हो गई।
जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास बहने वाली जुम्मागाड़ नदी में सोमवार देर शाम आई बाढ़ का कहर देर रात तक जारी रहा, जिसमें उस पर बना पुल भी बह गया। बाढ़ का पानी इतना ज्यादा था कि वह देर तक नदी से कई मीटर ऊपर स्थित जोशीमठ-मलारी सड़क पर से बहता रहा।
अन्य जानकार नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में ग्लेशियरों के पिघलने को भी इसका संभावित कारण मान रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बाढ़ के साथ मिट्टी और भारी पत्थर भी बहकर आ रहे थे और उनमें से एक पत्थर पुल पर अटक गया, जो पुल के साथ ही बाढ़ के पानी में बह गया। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala