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देश के अधिकांश भागों में पहुंचा Monsoon, IMD ने बताया जून में कितना बरसेगा पानी?

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि भारत में जून में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है जिससे देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।

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हमें फॉलो करें Latest Weather News 28 May 2025

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 28 मई 2025 (08:41 IST)
Weather Update: दक्षिण-पश्चिम मानसून (southwest monsoon) ने 26 मई को और आगे बढ़ते हुए मध्य अरब सागर के कुछ और हिस्सों, महाराष्ट्र (मुंबई सहित), कर्नाटक (बेंगलुरु सहित), शेष तमिलनाडु, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और आंध्रप्रदेश में दस्तक दे दी है। इसके अलावा मानसून ने बंगाल की खाड़ी के मध्य और उत्तर-पश्चिम हिस्सों, मिजोरम के शेष भागों, त्रिपुरा, मणिपुर, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम के कुछ हिस्सों और मेघालय के कुछ क्षेत्रों को भी कवर कर लिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार जून में सामान्य से अधिक वर्षा (more than normal rainfall in June) होगी।
 
दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए स्थितियां बनीं अनुकूल : दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। आगामी 2 से 3 दिनों में यह मानसून मध्य अरब सागर के शेष भागों, महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक के शेष भागों, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, समूचे पूर्वोत्तर भारत, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकता है।ALSO READ: Weather Update: पांच राज्यों में मानसून की एंट्री, मुंबई फिर भारी बारिश से लबालब, ट्रेनें प्रभावित
 
कम दबाव का क्षेत्र मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में बना हुआ है। इससे जुड़ी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य क्षोभमंडल तक फैला है। एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्व-मध्य अरब सागर में समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किमी की ऊंचाई तक फैला है। एक ट्रफ रेखा पूर्व-मध्य अरब सागर के परिसंचरण से लेकर दक्षिण कोंकण, मराठवाड़ा और तेलंगाना होते हुए आंध्रप्रदेश तट तक फैली है। हरियाणा, दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान और उत्तर-पूर्व असम में भी अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय हैं। एक और कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-मध्य और इससे लगे उत्तर बंगाल की खाड़ी पर बन चुका है।
 
जून में होगी सामान्य से अधिक वर्षा : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि भारत में जून में सामान्य से अधिक वर्षा (rain) होने की संभावना है जिससे देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा कि जून में देशभर में वर्षा 166.9 मिमी के दीर्घकालिक औसत से 108 प्रतिशत अधिक होने की संभावना है।ALSO READ: IMD ने जताई जून में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना, 108 प्रतिशत अधिक होगी बारिश
 
उन्होंने कहा कि जून में देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हालांकि प्रायद्वीपीय भारत के कुछ दक्षिणी हिस्सों और उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस अपेक्षित अच्छी वर्षा के कारण उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है।
 
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106 प्रतिशत बारिश हो सकती है : उन्होंने कहा कि बादल छाए रहने के कारण मध्यभारत और उससे सटे दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान देश में 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत बारिश का 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है।ALSO READ: मध्यप्रदेश में 15 जून तक मानसून की एंट्री की संभावना, जून महीने में ही पूरे प्रदेश को करेगा कवर

आईएमडी ने कहा कि 50 वर्ष के औसत 87 सेमी के 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को 'सामान्य' माना जाता है। महापात्र ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है जबकि पूर्वोत्तर में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मध्य और दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज किए जाने की संभावना है।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने कहा कि इस मौसम में मानसून कोर जोन में सामान्य से अधिक (लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत से अधिक) बारिश होने की संभावना है। इस जोन में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आसपास के क्षेत्र शामिल हैं, जो कृषि के लिए मानसून की बारिश पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
 
लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के समीपवर्ती क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों तथा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
 
दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भू-भाग पर इसका सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 2009 में यह 23 मई को केरल पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में प्रवेश करता है, 11 जून तक मुंबई पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
 
पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में हुई मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटे के दौरान मुंबई, तटीय कर्नाटक और उत्तरी केरल के तटों पर भारी वर्षा हुई, जहां 100 मिमी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। हल्की से मध्यम बारिश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, केरल, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, पूर्वी गुजरात और पूर्वोत्तर भारत में दर्ज की गई। हल्की वर्षा दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, आंध्रप्रदेश तट और तेलंगाना में हुई। गर्मी की लहर (हीटवेव) पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में देखी गई।
 
आज बुधवार के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (skymetweather) के अनुसार आज बुधवार, 28 मई को मध्यम से भारी वर्षा कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, आंतरिक और तटीय कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ में संभव है। हल्की से मध्यम बारिश के साथ 1-2 स्थानों पर भारी वर्षा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, उत्तर आंध्र तट, दक्षिण ओडिशा और दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश में हो सकती है।
 
मानसून की तेजी कायम, देश के कई हिस्सों में भारी बारिश, उत्तरी राज्यों में तेज आंधी : हल्की से मध्यम वर्षा व गरज-चमक के साथ बौछारें पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, ओडिशा, उत्तर छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तरप्रदेश, दक्षिण-पूर्व राजस्थान, पूर्वी गुजरात और लक्षद्वीप में संभव हैं। हल्की बारिश और गरज के साथ बौछारें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में हो सकती हैं। हीटवेव की स्थिति पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में बनी रह सकती है।(एजेंसियां) (Photo courtesy: IMD)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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