जोधपुर, सोमवार 3 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। इस दिन लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (LCH) वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक सैन्य समारोह में एलसीएच को वायुसेना को सौंपा। इस उपलब्धि के बाद वायुसेना की शक्ति में उल्लेखनीय इजाफा होगा।
इसके पावरफुल और अटैकिंग विशेषताओं को देखते हुए कहा जा रहा है कि दुश्मनों को धूल चटाने में यह हेलीकॉप्टर काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करेगा। पाकिस्तान के साथ भारत के कारगिल युद्ध में इस तरह के अटैकर हेलीकॉप्टर की जरूरत को बहुत महसूस किया गया था। इसके बाद से ही LCH यानी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर के लिए कवायद चल रही थी, जो अब साल 2022 में जाकर पूरी हुई है। बता दें कि वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया यह लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (LCH) स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर है।
कितना ताकतवर और अटैकिंग है?
जहां तक इस हेलीकॉप्टर की ताकत की बात है तो यह एक बहुपयोगी यानी मल्टीटास्किंग हेलीकॉप्टर है और कई मिसाइलें दागने और हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम है। सोमवार को इस हेलीकॉप्टर को वायुसेना को सौंपा गया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी उपस्थित थे। अपने संबोधन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह एक महत्वपूर्ण क्षण है जो रक्षा उत्पादन में भारत की क्षमता को दर्शाता है।
कारगिल के बाद जरूरी था ये स्वदेशी
LCH को सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है। 1999 के करगिल युद्ध के बाद ऐसे हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस की गई थी। इसके बाद से ही इस तरह का हेलीकॉप्टर बनाने की कवायद चल रही थी। कहा जा रहा है कि अगर कारगिल के वक्त ये हेलीकॉप्टर होता तो भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान की हालत और ज्यादा खराब होती। अधिकारियों के मुताबिक 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है।
इतने करोड़ की मंजूरी दी थी
बता दें कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) ने स्वदेश में विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए मंजूरी दी थी।
LCH की क्या खासियत है?
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लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर (LCH) हेलीकॉप्टर का वजन 6 टन है
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अमेरिका लाए गए अपाचे हेलीकॉप्टर का वजन 10 टन है
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LCH में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हैं
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नोज़ में 20एमएम की गन लगी है, जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है
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15-16 हजार फीट की उंचाई पर जाकर दुश्मन के बंकर्स तबाह कर सकता है
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पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिस्प्ले हो जाते हैं
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इस प्रोजेक्ट को 2006 में मंजूरी दी गई थी
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LCH को 3,887 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए मंजूरी दी गई।
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करगिल युद्ध के समय भारत के पास ऐसा अटैककर नहीं था
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15 सालों की मेहनत के बाद ये LCH तैयार हुआ
Edited: By Navin Rangiyal/ Bhasha