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जनशक्ति की ताकत को पहचानें नेता-मोदी

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नई दिल्ली , मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017 (15:20 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों और नीति निर्धारकों से जनशक्ति की ताकत और सामर्थ्य को पहचान कर देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आह्वान किया है।
 
मोदी ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मैं निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने वालों का आह्वान करता हूं कि वे जनशक्ति की ताकत को पहचान करके देश को आगे बढ़ाने का काम करें। 
 
उन्होंने अपनी चुटीली शैली में विपक्ष खासकर कांग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है कि अधिकांश  केंद्र एवं राज्य सरकारों ने जनसामान्य की नब्ज को पहचानना छोड़ दिया था। 
 
सत्तापक्ष की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि खड़गे ने कहा है कि कांग्रेस ने लोकतंत्र को बचाए रखा, जिसकी वजह से वह प्रधानमंत्री बन सके हैं।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र का क्या हाल है इससे सभी भली-भांति वाकिफ हैं। पूरी पार्टी एक परिवार को समर्पित कर दी गई है। कांग्रेस ने 1975 में देश में आपातकाल लगाकर जयप्रकाश नारायण जैसे महान नेताओं समेत लाखों लोगों को जेल में डाल दिया और प्रेस की आजादी पर ताले जड़ दिए थे। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनशक्ति की ताकत ने देश में लोकतंत्र को पुन:स्थापित किया जिसकी बदौलत गरीब मां का यह बेटा प्रधानमंत्री बन सका है। उन्होंने सोमवार को उत्तरी भारत में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति सरोकार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र संबंधित राज्यों के साथ संपर्क में और जरूरत पड़ने पर टीम भी भेजी जाएगी। उन्होंने भूकंप के बहाने भी कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब स्कैम में भी सेवा और नम्रता का भाव देखा जाता है तो धरती मां दुखी हो जाती है और भूंकप आता है।
 
मोदी ने कहा कि खड़गे ने अपने भाषण में कहा था कि कांग्रेस के कई नेताओं ने देश के लिए शहादत दी जबकि भाजपा का कोई नेता नहीं था। उन्होंने कांग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि देश की आजादी का श्रेय एक ही परिवार दिया जाता है, जबकि कांग्रेस के जन्म से पहले भी कई महापुरूष हुए और 1857 में लाखों लोगों ने जान की बाजी लगाकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी और उस समय संप्रदाय की कोई रेखा नहीं थी। उन्होंने कहा कि 'तब भी कमल था आज भी कमल है।'
 
गरीब की लड़ाई से पीछे नहीं हटूंगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह गरीबों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस राह में चाहे कितनी भी बाधाएं  आएं वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।
 
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार गरीबों की सरकार है वह गरीबों के हितों  के लिए काम कर रही है। सरकार ऐसे ठोस कदम उठा रही है, जिससे देश से गरीबी का उन्मूलन किया जा सके।
 
उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसा वर्ग है जो गरीबों के हक को लूट रहा है। इसलिए देश ऊंचाई पर नहीं पहुंच रहा है। उसके कारण देश का गरीब  तरक्की नहीं कर रहा है। यह वर्ग अब भी गरीबों को लूट रहा है, लेकिन इस वर्ग के लोगों को समझ लेना चाहिए कि गरीब को लूटने की छूट अब उसे नहीं  दी जा सकती।
 
मोदी ने कहा कि आप चाहे कितने ही बड़े आदमी हैं, लेकिन गरीब का आपके पास जो कुछ भी है उसे तो हर हाल में गरीब को लौटाना ही पड़ेगा। गरीब देश की जनशक्ति है और इसी जन शक्ति के कारण गरीब परिवार में जन्मा व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।


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