नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर मानक पर खरे नहीं उतरने वाले एलईडी बल्ब खरीदने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि इनके इस्तेमाल से बिजली खपत कम होने की बजाय बढ़ी है और इनकी खरीदारी में 20 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। पार्टी ने इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में कराने की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोविल ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि एलईडी बल्बों की खरीद सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफीसेंसी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) कंपनी करती है। एलईडी से बिजली बचत के साथ ही बिल भी कम आने चाहिए थे लेकिन गुजरात में नवसारी नगरपालिका में इसके ठीक उलट हुआ। इस संबंध में दस्तावेज पेश करते हुए उन्होंने कहा कि वहां की नगरपालिका में एलईडी बल्बों के इस्तेमाल के बाद बिजली के बिल कम होने की बजाए बढ़े हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि एलईडी बल्बों की खरीद में मानकों के पालन को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। उनका कहना था कि खरीदे गए एलईडी बल्ब गुणवत्ता वाले नहीं हैं और ना ही इनकी खरीद प्रक्रिया में मानक का अनुपालन हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला हुआ और इसकी जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकारी स्तर पर खरीदे गए एलईडी बल्ब गुणवत्ता के अनुरूप नहीं हैं इसलिए बिजली के बिल ज्यादा आ रहे हैं। इन बल्बों को चीन और ताइवान से खरीदा गया है और इनकी खरीद मानकों अनुरूप नहीं की गई है। एलईडी खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ईईएसएल को जिस प्रकिया का पालन करना चाहिए था उसे नजर अंदाज किया गया है इसलिए एलईडी का इस्तेमाल की बजाए नुकसान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद के लिए दिशा निर्देश तय किए गए हैं और उन्हीं के दायरे में सरकारी कंपनी को खरीद प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है। पारदर्शी और विश्वसनीय खरीद के लिए निविदा से लेकर सामान की गुणवत्ता तक की प्रक्रिया में दिशा निर्देशों का पालन किया जाता है लेकिन एलईडी बल्बों की खरीद में इन सब मानकों को पूरी तरह से दर किनार किया गया है।
गोविल ने कहा कि एलईडी बल्ब के लिए उस पर आईएसआई की तरह एलएमएनटी मानक लिखा होना चाहिए लेकिन इन बल्बों की सीधी खरीद की गई है और इस मानक का ध्यान नहीं रखा गया है। बिना मानक के एलईडी बल्ब मामूली कीमत पर भी मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि एलईडी को सरकार की बड़ी उपलब्धि बताने वाले केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल को इस खरीद की जांच करानी चाहिए।
यह पूछने पर कि उन्हें गुजरात में नौसारी नगर पालिका में एलईडी लगे स्थानों पर बिजली का बिल पहले की तुलना में ज्यादा आने का मामला राज्य विधानसभा में उठाना चाहिए था, उन्होंने कहा कि मामला उठाया गया लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया है इसलिए वह दिल्ली में इस मुद्दे को देश के समक्ष उठा रहे हैं। (वार्ता)