सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष लीला सैमसन इन दिनों चर्चा में है। लीला सैमसन ने सेंसर बोर्ड में केंद्र सरकार के दखल का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कला की दुनिया की मशहूर शख्सियत लीला सैमसन उस वक्त भी विवादों में रहीं जब केंद्र की यूपीए सरकार ने 2011 में उन्हें सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया।
विदित हो कि कभी प्रियंका गांधी की डांस टीचर रहीं लीला का फिल्मों की दुनिया से कोई नाता नहीं रहा है। वह एक मशहूर भरतनाट्यम डांसर, कोरियोग्राफर और लेखक हैं। इसी आधार पर उन्हें सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था।
इतना ही नहीं, सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष नियुक्त किए जाने से साल भर पहले लीला संगीत नाटक अकादमी की चेयरपर्सन बनाई गई थीं। वे साउथ जोन कल्चरल सेंटर की पदेन प्रमुख भी हैं। इसके अलावा ये चेन्नई में कलाक्षेत्र की डायरेक्टर भी हैं। सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद उन्होंने खुले दिल से यह स्वीकार किया था कि वो कभी-कभार ही फिल्में देखती हैं। कहने का आशय है कि फिल्मों के बारे में उनकी जानकारी और रुचि बहुत ही सीमित रही है, लेकिन फिर भी यूपीए सरकार पर उन पर मेहरबानी जारी रही।
छह मई 1951 को पैदा हुईं लीला सैमसन के पिता बेंजामिन अब्राहम सैमसन इंडियन नेवी में सीनियर अफसर रहे हैं। ग्रेजुएशन के बाद लीला ने मशहूर नृत्यांगना रुक्मिणी देवी अरुंडेल की शिष्य बनकर भरतनाट्यम सीखा। उन्होंने भारत के अलावा यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका में भी अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
उन्होंने दिल्ली के श्रीराम भारतीय कला केंद्र और गंधर्व महाविद्यालय में भी भरतनाट्यम सिखाया है। सैमसन को भरतनाट्यम के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 1990 में पद्मश्री और 1999-2000 में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड भी मिल चुका है।
फिल्म सेंसर बोर्ड की प्रमुख लीला सैमसन का मानना है कि सेंसर बोर्ड एक स्वायत्त संस्था है, इसलिए किसी भी फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद सरकार को उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने 'पीके' को लेकर हो रहे विरोध को भी निरर्थक बताया था। हालांकि इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर विरोध हुआ और लोगों ने कई स्थानों पर फिल्म के भी बाधित किए थे।
फिल्म अभिनेता सलमान खान ने अपने दोस्त आमिर खान की फिल्म 'पीके' के समर्थन में आ गए थे। उन्होंने इसके खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन को बेमतलब करार देते हुए सवाल किया है कि क्या यह शानदार फिल्म नहीं है? लेकिन उनसे पूछा जाना चाहिए कि अगर फिल्म का कुछ लोगों ने विरोध किया है तो क्या इसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जो कुछ लोगों को बुरा लगा हो।