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मत लड़ो, कौन जाने कब किस नदी की धारा बदल जाए...

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नई दिल्ली , गुरुवार, 30 मार्च 2017 (14:39 IST)
नई दिल्ली। 'पानी और नदी पर मत लड़ो-झगड़ो, सरस्वती नदी लुप्त हो गई और कौन जाने कब किस नदी की धारा बदल जाए।' लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को गुरुवार को यह कहकर उन सदस्यों को चुप कराना पड़ा, जो प्रश्नकाल के दौरान कृष्णा नदी के जल बंटवारे से संबंधित मुद्दे को लेकर एक-दूसरे से झगड़ रहे थे।
 
श्रीमती महाजन ने सदस्यों से पानी और नदी के मसले पर यह कहते हुए न झगड़ने की सलाह दी कि सरस्वती नदी लुप्त हो गई और कौन जाने कब किस नदी की धारा बदल जाए।
 
दरअसल, वाईएसआर कांग्रेस के वाईएस अविनाश रेड्डी सरकार से यह जानना चाहते थे कि क्या कृष्णा नदी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के बीच नदी जल बंटवारे के मुद्दे की समीक्षा के लिए किया गया है।
 
उनके प्रश्न के उत्तर में जल संसाधन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के प्रावधानों के तहत बोर्ड जलापूर्ति का नियमन सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत है।
 
तेलगांना राष्ट्र समिति के विनोद कुमार ने कहा कि कृष्णा नदी पर केवल तीन राज्यों- आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र का ही हक है। इस बयान से कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य उद्वेलित हो गए। टीआरएस के एपी जितेन्द्र रेड्डी भी इस शोर-शराबे में शामिल हो गए। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि पानी के लिए मत लड़ो। (वार्ता) 
 

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