नई दिल्ली। दिल्ली के मैडम तुसाद संग्रहालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मिलेनियम स्टार अमिताभ बच्चन और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बाद दर्शक अब हिन्दी सिनेमा की वीनस के रूप में मशहूर गुजरे जमाने की अभिनेत्री मधुबाला की मोम की प्रतिमा को देख सकेंगे।
मधुबाला की मोम निर्मित प्रतिमा का आज यहां तुसाद संग्रहालय में अनावरण किया गया। इस अवसर पर उपस्थित मधुबाला की बहन जाहिद उर्फ मधुर बृजभूषण ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें मधुबाला जैसी बहन मिली थी। वह उन्हें प्यार से 'आपा' कहा करती थीं।
उन्होंने कहा, 'मधुबाला जिंदादिल, चुलबुली और जिंदगी से भरपूर थीं। आपा बहुत प्यारी और स्नेहपूर्ण थीं। चूंकि मैं परिवार में सबसे छोटी थी, इसलिए मेरा ज्यादा समय उन्हीं के साथ बीता था। वह वास्तव में लीजेंड थीं।'
जाहिद ने कहा कि मधुबाला जब 27 साल की थीं तब डॉक्टरों ने उन्हें बता दिया था कि वह सिर्फ दो साल और जिंदा रहेंगी। इससे उनका दिल टूट गया था लेकिन उनमें संघर्ष करने की प्रबल इच्छाशक्ति थी और वह 36 साल तक जिंदा रहीं।
मैडम तुसाद की प्रेटा ने बताया कि मधुबाला की प्रतिमा को बनाने में छह महीने लगे। उन्होंने कहा, 'उनकी प्रतिमा को बनाने में हमें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन हमने मधुबाला के परिवार से प्राप्त जानकारी और उनकी तस्वीरों के आधार पर प्रतिमा बनाने में कामयाब रहे।' (वार्ता)