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Coaching Center Incident : मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में आया दिल्ली कोचिंग हादसे का सच, जानिए क्या बताई वजह

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , मंगलवार, 30 जुलाई 2024 (22:46 IST)
Delhi Coaching Accident Update :  दिल्ली के ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ की इमारत के ‘बेसमेंट’ में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 3 अभ्यर्थियों की मौत की घटना के मामले में मजिस्ट्रेट जांच की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ और सड़क का जल स्तर एक ही था, जिससे वहां फंसे छात्र को पानी से निकालने में समस्या आई।
 
दिल्ली नगर निगम (MCD) की एक अन्य रिपोर्ट में पाया गया कि बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण वहां लगा बायोमेट्रिक द्वार ‘काम नहीं कर रहा था’ जिसके कारण ‘‘अभ्यर्थियों की मौत हुई और उन्हें निकालने में देरी हुई’’।
 
अंतरिम मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट और एमसीडी के करोल बाग जोन के अधीक्षक अभियंता की रिपोर्ट राजस्व मंत्री आतिशी को सौंपी गई। आतिशी ने आरोप लगाया कि ‘नौकरशाही’ यूपीएससी अभ्यर्थियों की मौत की घटना की जांच में ‘‘ढिलाई’’ बरत रही है।
 
मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा कि 27 जुलाई को रात 11 बजकर 20 मिनट पर उन्होंने मुख्य सचिव नरेश कुमार को राजेंद्र नगर में हुई दुखद घटना की मजिस्ट्रेट जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
 
उन्होंने कहा कि सोमवार यानी 29 जुलाई 2024 शाम सात बजकर 40 मिनट पर मुझे केवल मंडल आयुक्त से घटना की रिपोर्ट प्राप्त हुई और बताया गया कि जांच में 7 दिन और लगेंगे।
 
राजस्व मंत्री ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है, लेकिन नौकरशाही मामले की जांच में इतनी ढिलाई बरत रही है। इससे सवाल उठता है कि क्या दोषियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
 
जिलाधिकारी (मध्य) की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना की सूचना 27 जुलाई को शाम सात बजकर 20 मिनट पर ‘राव आईएएस’ के प्रतिनिधि मंगल ने टेलीफोन पर दी थी कि ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी भर गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि फोन करने वाले ने बताया कि कुछ छात्र ‘बेसमेंट’ में फंसे हुए हैं और वह उन्हें उनकी संख्या की स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन अनुमान जताया कि उनकी संख्या पांच के आसपास हो सकती है।
 
सूचना मिलने पर करोल बाग तहसीलदार और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों सहित राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसमें कहा गया कि बेसमेंट की गहराई करीब 15 फुट है और इसका क्षेत्रफल करीब 500 वर्ग गज है। लोगों की सुरक्षा के लिए बिल्डिंग और आस-पास के इलाकों की बिजली काट दी गई है।
 
मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अंत में बेसमेंट से तीन-चार फुट पानी बाहर निकालने के बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मचारियों ने ‘बेसमेंट’ में प्रवेश किया और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की मदद से इमारत के ‘बेसमेंट’ से तीन शवों को बाहर निकाला गया।
 
नगर निगम की रिपोर्ट में कहा गया कि शंकर रोड से पुसा रोड तक करीब 200 फीट लंबा रास्ता तश्तरीनुमा है, जिसका सबसे निचला हिस्सा ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के सामने है और तेज बारिश के दौरान यहां पानी जमा हो जाता है।
 
जिस इमारत में कोचिंग सेंटर संचालित किया जा रहा था कि उसकी नींव का स्तर भी आसपास की इमारत की तुलना में कम था। इसमें कहा गया कि इस कोचिंग संस्थान ने नाले को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया और इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय भी नहीं किए हैं। इसकी पार्किंग का रास्ता सीधे सड़क के सामने है और भारी बारिश की स्थिति में पानी नाले में जाने के बजाय सीधे इस पार्किंग क्षेत्र में घुस जाता है।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कोचिंग सेंटर की इमारत के सुरक्षा कर्मचारियों ने कोई सतर्कता नहीं बरती, जिसके चलते पानी बिना रुके पार्किंग क्षेत्र को पार कर ‘बेसमेंट’ में घुस गया। भाषा

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