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Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष पर यूं बरसे योगी आदित्यनाथ, समाजवादी जिस थाली में खाते हैं, उसी में करते हैं छेद

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हमें फॉलो करें Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष पर यूं बरसे योगी आदित्यनाथ, समाजवादी जिस थाली में खाते हैं, उसी में करते हैं छेद

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

लखनऊ , बुधवार, 19 फ़रवरी 2025 (17:49 IST)
उत्तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि महाकुंभ भगदड़ और प्रयागराज यात्रा के दौरान सड़क हादसों में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों के साथ खड़ी है और उनकी हरसंभव मदद करेगी। योगी ने विपक्षी दलों के सदस्यों के आरोपों पर पलटवार किया और खासतौर से समाजवादी पार्टी (सपा) को निशाना बनाते हुए कहा कि आज के समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में वे खाते हैं, उसी में वे छेद करते हैं।
 
विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को शून्य काल में विपक्षी दल सपा के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में नियम -56 के (कार्यस्थगन के तहत सदन की कार्यवाही रोककर) तहत महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा कराने की मांग की। विषय रखते हुए सपा सदस्य डॉक्टर आर के वर्मा ने आरोप लगाया कि महाकुंभ में भगदड़ में बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं की जान गयी लेकिन सरकार ने सिर्फ 30 लोगों की मौत होने का आंकड़ा जारी किया जो बाकी दिवंगत श्रद्धालुओं के परिजनों के साथ न्याय नहीं है।
 
वर्मा के अलावा सपा के संग्राम यादव और कांग्रेस की आराधना मिश्रा मोना ने भी सरकार पर महाकुंभ भगदड़ में बदइंतजामी के गंभीर आरोप लगाए। अधिकारियों के अनुसार महाकुंभ में पिछले माह 29 जनवरी को भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी और 60 से अधिक घायल हो गये। इसके अलावा महाकुंभ में स्‍नान के लिए आने और जाने के दौरान सड़क हादसों में भी कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
सदन के नेता और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने विपक्षी सदस्यों को जवाब देते हुए कहा कि 29 जनवरी के भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुम्भ में महास्नान में आने और वापस जाने के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य जगहों पर जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, उन्हें वह श्रद्धांजलि देते है। उन्होंने कहा कि  हमारी संवेदना शोसंतप्त परिजनों के प्रति है। सरकार उनके साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी। प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है।
 
एक शेर के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया कि बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं। जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं।
 
उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब वे सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है तथा सरकार सहयोग तथा उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है।
 
उन्होंने कहा कि सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है।  योगी ने कहा कि  हम तत्परता के साथ ऐसा करेंगे, क्योंकि हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है। हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है।  उन्‍होंने कहा कि सौभाग्य है कि सदी के महाकुंभ के साथ सरकार को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ।
 
उनका कहना था कि तमाम दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए देश-दुनिया ने इस आयोजन के साथ सहभागी बनकर इसे सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने अपनी बोली हुई शायरी को लेकर नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा और कहा कि यह उर्दू नहीं, हिंदी है। योगी ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला तो उन्होंने (सपा सदस्यों ने) विरोध किया क्योंकि हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है।
 
उन्होंने कहा कि हिन्दी इस सदन की भाषा है। हिंदी को तो हटाया नहीं गया, बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं। यह थोपा नहीं गया, बल्कि सुविधा है। भोजपुरी, ब्रज, अवधी एवं बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है।’’
 
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि आपके विरोध का मैं उपहास नहीं उड़ाता, क्योंकि आपकी आदत मुझे मालूम है। उन्होंने विपक्ष पर महाकुम्भ के आयोजन को लेकर निरंतर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए उसके बयानों को सदन में पढ़कर सुनाया और उसे कठघरे में खड़ा किया।
 
विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने साफ कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है एवं इसे भव्य रूप से मनाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
 
उन्होंने समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ये लोग महाकुम्भ जैसे आयोजन की भव्यता पर सवाल उठाते हैं और समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही महाकुम्भ का विरोध कर रहा है।
 
योगी ने विपक्ष पर अनर्गल बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि विपक्ष ने महाकुम्भ को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इसे धन की बर्बादी तक करार दिया। उन्होंने विपक्ष के नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनके संस्कार और मानसिकता को दर्शाता है।
 
उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ आयोजन के पहले इस बारे में कहना शुरू किया कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की आवश्यकता क्या है। योगी ने यादव के बयान के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भगदड़ में हजारों लोग मारने वाले बयान, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को मृत्यु कुम्भ कहे जाने का जिक्र करते हुए उनकी आलोचना की।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जया बच्चन कहती हैं कि शवों को गंगा में बहा दिया गया, लालू यादव कहते हैं फालतू है महाकुम्भ। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना बयान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, राजद और तृणमूल के नेताओं द्वारा सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के प्रति दिए गए हैं।
 
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग शुरू में महाकुम्भ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि 2013 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब इनके नेताओं को प्रयागराज जाने से रोका गया था, लेकिन इस बार वे खुद वहां गए और उन्होंने हमारे द्वारा की गई व्यवस्था की प्रशंसा भी की।
 
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म भारत की आत्मा है और इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमारी सरकार इस परंपरा को भव्यता देने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में हर जाति, मत और मजहब के लोग श्रद्धा के साथ पहुंचे हैं।
 
योगी ने कहा कि विपक्ष महाकुम्भ ही नहीं, बल्कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी विरोध करता रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला विराजमान हुए, तब भी यही लोग विरोध कर रहे थे।
 
उन्होंने कहा कि जब हमने प्रस्ताव दिया कि सभी विधायक अयोध्या दर्शन के लिए जाएं, तब समाजवादी पार्टी ने सदन से बहिर्गमन किया। उन्होंने विपक्ष के बारे में कहा कि संक्रमित व्यक्ति का उपचार संभव है, लेकिन संक्रमित सोच का उपचार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि यह भव्य आयोजन हमारी सरकार के नेतृत्व में हो रहा है और हम इसे पूरी निष्ठा के साथ संपन्न करेंगे। भाषा Edited by : Sudhir Sharma  

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