नई दिल्ली। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का प्रयागराज में सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। शुरुआती जांच में पुलिस जहां महंत गिरि की मौत को आत्महत्या का मामला मान रही है, वहीं उनके शिष्य का कहना है कि महंत की हत्या हुई है।
वर्ष 2019 में संतों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद ने महंत नरेन्द्र गिरि को दूसरी बार अध्यक्ष चुना था, जबकि महंत हरि गिरि सचिव बने थे। महंत नरेन्द्र गिरि को 5 साल के लिए अखाड़ा परिषद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस समय उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद धर्म की रक्षा के लिए काम करता रहेगा।
महंत नरेन्द्र गिरि ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के नरेन्द्र मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर का विकास होगा।
निरंजनी अखाड़ा : हिन्दू संतों के 13 अखाड़ों में से एक श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा का मुख्य स्थान दारागंज प्रयाग (उत्तर प्रदेश) में है। यह शैव पंथी अखाड़ा है जिसमें नागा और महामंडलेश्वर दोनों ही पदवी के संन्यासी हैं। इस अखाड़े में लाखों संन्यासी शामिल हैं। यहीं पर बाघंबरी मठ है, जहां संदिग्ध परिस्थितियों में महंत नरेन्द्र गिरि की मौत हुई है।