नई दिल्ली। महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष के पैसों से 15 डांसर्स को बैंकॉक और थाइलैंड की यात्रा पर भेज दिया। आईटीआई से मामला उजागर होते ही बवाल मच गया।
सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगडी द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में पता लगा कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिसम्बर में बैंकाक में एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सरकारी कर्मचारियों की नृत्य मंडली के लिए आठ लाख रुपए आवंटित किए।
मुख्यमंत्री राहत कोष से एक नृत्य मंडली को कोष मंजूर करने के लिए विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए इस ‘हस्यास्पद’ स्थिति के लिए उनसे माफी मांगने और उनके इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि भविष्य की विकट स्थिति के लिए राहत कोष का धन था जिसका उपयोग बैंकाक में सभी तरह के आमोद-प्रमोद के लिए किया गया। इससे बड़ा उपहास क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। राहत कोष का संचालन सीधे मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है। अगर किसी कारण के लिए धन का दुरूपयोग किया गया है तब यह गंभीर मामला है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए अन्यथा विपक्षी दलों को मिलकर उनके इस्तीफे के लिए दबाव बनाना चाहिए।
इन आरोपों के बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने किसी तरह के गलत कार्य किए जाने से इंकार किया है और कहा कि सरकारी कर्मचारियों की नृत्य मंडली को आवंटित धन इसी उद्देश्य के लिए था।
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'महाराष्ट्र सूखे की गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है और हजारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के समक्ष हजारों आवेदन लंबित हैं। लोग कैंसर और दिल की बीमारी के लिए मदद मांग रहे हैं। उनके पास जरूरतमंदों के लिए 5000-10000 रुपए आवंटित करने के बारे में निर्णय करने के लिए समय नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार को यह धन वापस लेना चाहिए, जिन्होंने इसका इस्तेमाल किया और यदि वह ऐसा करने में विफल रहती है तो फडणवीस को अपनी जेब से इसका भुगतान करना चाहिए।
भाजपा नेता सानिया एनसी ने कहा कि ‘बेबुनियाद ’ आरोप लगाना गलत है। उन्होंने कहा कि फडणवीस भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं और उनकी विश्वसनीयता, उनकी जवाबदेही की सभी जगहों पर चर्चा है। सार्वजनिक तौर पर सही जानकारी आनी चाहिए। (भाषा)